कोलकाता (एजेंसी)। स्कूल सेवा आयोग ( एसएससी) और पश्चिम बंगाल बोर्ड आॅफ प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड भर्ती घोटाले से कथित तौर पर जुड़े होने को लेकर पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्थ चटर्जी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी शनिवार को भी जारी रही। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कोलकाता के नकटला इलाके में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के आवास पर शुक्रवार सुबह शुरू हुई छापेमारी 24 घंटे से अधिक समय तक चल रही है। ईडी ने शुक्रवार रात करीब चर्टजी की सहयोग अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से 20 करोड़ रुपये नकद बरामद करने का दावा किया था। इस रकम के एसएससी घोटाले से जुड़े होने के संदेह है।
अधिकारी चर्टजी के घर की तलाशी
राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में चटर्जी के कार्यकाल के दौरान गैर-शिक्षण और शिक्षण कर्मचारियों की “अवैध नियुक्तियों” से संबंधित घोटाले में हवाला कारोबार की दृष्टिकोण से जांच कर रही ईडी के कम से कम नौ अधिकारी चर्टजी के घर की तलाशी ले रहे हैं। ईडी ने उत्तर बंगाल में कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के आवास और कई मौजूदा तथा पूर्व अधिकारियों के ठिकानों पर भी घोटाले से उनके कथित संबंधों को लेकर छापे मारे गए। ईडी के अनुसार, भारी मात्रा में नकदी बरामद करने के अलावा अर्पिता मुखर्जी के पास से 20 मोबाइल फोन भी बरामद किए, जिसका उद्देश्य और उपयोग पता लगाया जा रहा है। ईडी ने मीडिया को बताया, “कैश काउंटिंग मशीन के जरिए बरामद रुपये की गिनती के लिए सर्च टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है।” ईडी ने कहा, “इसके अलावा घोटाले से जुड़े व्यक्तियों के विभिन्न परिसरों से कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों का विवरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया है।”
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अप्रैल में कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, नौवीं-बारहवीं कक्षा के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। ईडी ने कहा, “ईडी गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी एंड डी), कक्षा क-कक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की अवैध नियुक्ति से जुड़े मामलों की धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत जांच कर रही है।” इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)चटर्जी और अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ने योग्यता सूची की अनदेखी करके रोजगार हासिल करने को लेकर अधिकारी की पुत्री स्कूल शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें अपनी नौकरी से प्राप्त पूरा वेतन वापस करने के लिए कहा गया था और उसे स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
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