चांदपुरा साइफन पर पिछले 2 दिन से लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी, रंगोई नाले में चालू पानी
सच कहूँ/तरसेम सिंह
जाखल। शिवालिक की पहाड़ियों सहित पंचकूला चंडीगढ़ में भारी बरसात के कारण घग्गर नदी में जलस्तर फिर से लगातार बढ़ रहा है। घग्घर की सहायक नदी रंगोई नाले में भी पानी का बहाव तेज हो गया है। पिछले 24 घंटों में जहां बुधवार को टोहाना कंट्रोल रूम के तार बाबू बुधराम की रिपोर्ट के अनुसार चांदपुरा साईफन पर सुबह 5350 क्यूसिक पानी बह रहा था वहीं शाम को 8540 क्यूसिक चल रहा था लेकिन वीरवार को 810 क्यूसेक बढ़कर 9350 क्यूसेक हो गया था। वहीं इसके सहायक रंगोई नाला में भी 300 क्यूसेक पानी बहने लगा है। घग्गर में लगातार बढ़ोतरी देखकर इससे आसपास के ग्रामीणों को बाढ़ की आशंका भी सताने लगी है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 4 फुट नीचे है। किनारे तक बह रही घग्गर नदी को देखकर आसपास के खेतों में खेती करने वाले किसानों और ढाणियां बनाकर रहने वालों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जलस्तर बढ़ने से घग्गर नदी के किनारे के तटबंध टूटने का खतरा रहता है। गांव कासिमपुर, तलवाड़ा, चांदपुरा, शक्करपुरा इत्यादि इसके तटीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि नदी के कच्चे तटबंध पक्के किए जाएं और जहां कहीं भी नदी के किनारे टूटने की संभावना है, वहां निगरानी करके मरम्मत का काम करवाया जाए। ताकि किसानों की फसलें खराब होने से बचाई जा सकें।
बाढ़ रोकने के लिए जिला में पिछले साल काफी काम हुए
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि बाढ़ रोकने के लिए जिला में पिछले साल काफी काम हुए है। इसके अलावा कई रंगोई नालों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। रंगोई नाले की क्षमता 7 हजार से 8500 क्यूसिक, रंगोई खरीफ चैनल की क्षमता 500 क्यूसिक से 675 क्यूसिक तथा रतिया के गांवों में 63 नए रिचार्ज बोरवेल लगाए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है। फतेहाबाद के लिए लघु सचिवालय में 01667-230018 में कंट्रोल रूम बनाया गया है। रेस्क्यू के लिए जिला में उपकरणों को सुचारू हालात में रखने के निर्देश दिए गए है, ताकि बाढ़ जैसी किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि ओबीएम ईंजन 5, किश्ती 14, चप्पू, 40, लाइफ जैकेट 86, कुंडे 30, ट्रेलर 4 व ट्रेनर 31 उपकरण है।
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