बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी मजलिस में फरमाया कि क्यों ना घर में राम-नाम का जाप करके, खुशी-खुशी भजन सुनते हुए खाना बनाया जाए, मालिक का नाम लेते हुए खाना बनाया जाए, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब को याद करते हुए खाना बनाया जाए, अगर खराब मूड़ है तो 100 पर्सेंट ठीक हो जाएगा, लाजमी खुशी आएगी। आप खुशियां होटल में ढूंढने गए हो, खुशियां घर में बैठी हैं। पर कौन मानता है आज के जमाने में, कहते अह…आउटिंग अच्छी होती है। चाहे छित्तर खाकर आएं, वो एक अलग बात है।
आपस में लड़ाई हो जाती है वो छित्तर मारा ना मारा एक बराबर। दोनों के मुँह कूपा सूजे होते हैं मियां-बीबी के या बच्चों के। तो उसकी वजह पवित्र वेदों में ऐसे ही नहीं लिखा कि जैसा अन्न ग्रहण करोगे, वैसा मन पर असर लाजिमी होगा, जरूर होगा। तो घर के खाने को आप यू मजाक मत समझो। उसमें बड़ा कुछ छुपा होता है। पहले माँ-बहनें जो होती थी, चलो मान लो कोई गीत गाते ही बना लेती थी, या राम का नाम लेते हुए बनाया करती तो बड़ा उसका टेस्ट आज तक नहीं भूलते।
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