गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं, संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ: भागवत
- भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा जीवन जीने का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक: मनोहर लाल
कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि सृष्टि की समस्याओं का उत्तर देने वाला और संपूर्ण मानवता की समस्याओं का समाधान करने वाला तथा कभी फीका न पड़ने वाला सुख का ज्ञान श्रीमद्भगवद्गीता में है, जिसे हर मानव जाति को समझने की जरूरत है। गीता के इस ज्ञान के कारण ही धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र महाभारत की धरती के अलावा सबसे विश्व में गीता की अवस्थली (लैंड आॅफ गीता) के रूप में जाना जाएगा। आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में जीओ गीता की तरफ से पवित्र ग्रंथ गीता के सर्टिफिकेट कोर्स (आनलाईन) का विधिवत रुप से शुभारंभ किया।
इस संस्थान की तरफ से आने वाले समय में पवित्र ग्रंथ गीता के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स को वैश्विक स्तर पर शुरू किया जाएगा। इस कोर्स को शुरू करने पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की प्रशंसा की है। इस दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, पर्यटन मंत्री कंवर पाल, राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया, सांसद संजय भाटिया, विधायक सुभाष सुधा, विधायक लीला राम, विधायक प्रमोद विज, विधायक महिपाल ढांडा सहित अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।
जब तक मानव जाति, तब तक गीता की प्रासंगिकता रहेगी
डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है बल्कि संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ है। गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ नहीं है बल्कि यह संपूर्ण दुनिया को मानवता का सार देने वाला ग्रंथ है। हिंदू परंपरा को यद्यपि गीता मिली है लेकिन उस पर किस प्रकार का कोई पेटेंट नहीं है, यह तो विश्वधर्म है। उन्होंने कहा कि सृष्टि में जब तक मानव जाति विद्यमान है तब तक गीता की प्रासंगिकता रहेगी। 5155 साल पहले इस भूमि पर इन बातों को बताया गया। इस ढंग से सृष्टि की समस्याओं का उत्तर देने वाला, सारी मानवता की समस्याओं का समाधान निकालने वाला ज्ञान गीता में है।
कुरुक्षेत्र को लैंड आफ श्री कृष्ण बनाना होगा
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कुरुक्षेत्र को अब से श्रीमद्भगवद्गीता की धरती के नाम से जाना जाएगा उसी प्रकार धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को लैंड आफ श्री कृष्ण भी बनाना होगा। जिस प्रकार लोग श्री कृष्ण के विचारों और उनके जीवन का संदेश लेने के लिए वृंदावन, मथुरा व द्वारिका जाते हैं, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी आएंगे, क्योंकि वास्तव में जीवन का संदेश कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर दिया गया था। गीता जयंती की मुहिम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चलाई जा रही है। अब तो विदेशों से भी यह मांग आने लगी है कि उनके देश में भी गीता जयंती का कार्यक्रम किया जाए।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।