उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका, कल ही फ्लोर टेस्ट का करना होगा सामना

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नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट सरकार को कल ही फ्लोर टेस्ट कराना होगा। कल 11 बजे फ्लोर टेस्ट कराना होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खबरें आ रही थी कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या- क्या हुआ

शिवसेना की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने निर्वाचक मंडल के बारे में बात करते हुए कहा कि यह घोड़े के आगे गाड़ी रखने जैसा है जबकि शिंदे खेमे के खिलाफ अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही अभी तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनिश्चित नहीं की गई है। सिंघवी का आरोप है कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निष्फल कार्यवाही करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि फ्लोर टेस्ट का आदेश अदालत की कार्यवाही को कैसे निष्फल बना सकता है। क्या फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के लिए कोई न्यूनतम समय सीमा है? क्या एक के बाद एक नए सिरे से फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कोई संवैधानिक रोक है?” सिंघवी का जवाब दिया कि 6 महीने के भीतर सेकंड फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता।

नोटिस वैध है या नहीं इस पर हम फैसला करेंगेः सुप्रीम कोर्ट

शिवसेना के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर की वैधता पर भी सवाल हुआ है। अयोग्यता का मामला कोर्ट में लंबित है। नोटिस वैध है या नहीं इस पर हम फैसला करेंगे। पीठ ने सवाल किया कि क्या दोबारा फ्लोर टेस्ट के लिए कोई न्यूनतम समय सीमा है?

क्या है मामला

शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने डॉ.सिंघवी के पीठ से अनुरोध का विरोध किया लेकिन पीठ ने कहा कि शक्ति परीक्षण से पहले मामले की सुनवाई करनी होगी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हम फैसला पक्ष में करें या नहीं, उनकी सुनवाई से इनकार नहीं किया जा सकता। तत्काल सुनवाई की अनुमति दी जानी चाहिए।” शिवसेना के भरोसेमंद नेताओं में शामिल महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे और कई विधायकों के एक समूह के महाराष्ट्र छोड़ने के बाद राज्य में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है । शिवसेना के बागी विधायकों की अच्छी खासी संख्या है।

ये विधायक पहले गुजरात के सूरत गये और वहां से असम के गुवाहाटी चले गए थे। वे वहां एक सप्ताह से अधिक समय से हैं। माना जा रहा है कि शिंदे समूह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ शिवसेना के गठबंधन से नाराज है। विद्रोही गुट का दावा है कि मुख्यमंत्री उधव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों के खिलाफ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस से गठबंधन किया हुआ है। विद्रोही गुट खुद को ‘शिवसेना (बालासाहेब)’ बता रहा है।

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