गन्ना, तिल और बागवानी की टपका प्रणाली से कर रहा सिंचाई
कुरुक्षेत्र(सच कहूँ, देवीलाल बारना)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव समानी में खेत में खड़े किसान लखविंदर सिंह से सूक्ष्म सिंचाई के बारे में आॅनलाइन वीडियो कॉल के माध्यम से करीब 2 मिनट बातचीत की। इस आॅनलाइन प्रणाली से जैसे ही किसान लखविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की आवाज को सुना तो किसान की खुशी का ठिकाना ना रहा। इस किसान ने पलक झपकते ही अपने खेतों में सूक्ष्म सिंचाई से गन्ना, तिल और बागवानी की फसल के बारे में विस्तार से फीडबैक दे दी। इस फीडबैक को सुनकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी खुश नजर आए। यह खुशी इसलिए नजर आई कि माई काडा के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई की योजनाओं का लाभ सीधा किसान तक पहुंच रहा है और सीधी बातचीत के दौरान किसानों से अच्छी फीडबैक भी मिल रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला से आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में 100 फुट से कम जल स्तर के गांवों में 7500 सूक्ष्म सिंचाई के प्रदर्शन प्लांट स्थापित करने को लेकर आयोजित कार्यक्रम के जरिए आॅनलाइन प्रणाली से करनाल, अंबाला, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र के किसानों से सीधे जुड़े और हर जिले से एक-एक किसान से बातचीत करके सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के बारे फीडबैक ली।
हालांकि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लघु सचिवालय में उपायुक्त मुकुल कुमार, माईकाडा के कार्यकारी अभियंता धूप सिंह, एसडीओ सुमित भी जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिलों के किसानों से बातचीत करने के उपरांत कुरुक्षेत्र के गांव समानी के किसान लखविंदर सिंह से आॅनलाइन प्रणाली वीसी के माध्यम से जब बातचीत की तब किसान लखविंदर सिंह अपने फार्म हाउस में खड़े हुए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सबसे पहले किसान लखविंदर सिंह के खेत-खलिहानों और परिवार के कुशलक्षेम पूछने के बाद सूक्ष्म सिंचाई से किसानों को हो रहे फायदों के बारे में जानकारी हासिल की है।
गन्ने की खेती भी कर रहे सूक्ष्म सिंचाई के जरिए
किसान लखविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुशी-खुशी फीडबैक देते हुए कहा कि गांव समानी में सूक्ष्म सिंचाई के जरिए गन्ने की फसल की खेती कर रहे है और 2 कनाल भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से तिल की खेती भी कर रहे है। इसके अलावा बागवानी विभाग के सहयोग से फलों के 50 से ज्यादा पौधे लगाए है और अब वे बागवानी की तरफ आगे बढ़ रहे है।
इन फसलों में सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग करने से 50 से 60 फीसदी पानी की बचत कर रहे है और 10 से 15 फीसदी उत्पादन में भी इजाफा हुआ है। पानी की एक-एक बूंद बचाने का प्रयास कर रहे है। बरसात के पानी को खेतों तक ले जाने के भी पुख्ता प्रबंध किए है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई के लिए सरकार ने सब्सिडी और अन्य सुविधाएं दी है, वह काबिले तारीफ है। आज पानी की एक-एक बूंद को बचाकर भावी पीढ़िय़ों को पीने का पानी दे सकते है। इस फीडबैक को सुनकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल गद्-गद् हो गए।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।