आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय
- गुरुग्राम में मन की बात कार्यक्रम सुनने पहुंचे जेपी नड्डा की कार्यकर्ताओं से अपील
- बोले, ड्राइंगरूम में बैठकर नहीं, बूथ पर सुनें मोदी जी के मन की बात
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि भारत के जन-जन की मूल विचारधारा लोकतंत्र ही रही है, जिसने आखिरकार आपातकाल की तानाशाही को उखाड़ फेंका। वे रविवार को गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा के बूथ नंबर-338 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में पहुंचे।उन्होंने आपातकाल की घटना को सांझा करते हुए कहा कि उन्हें कालेज की क्लास से अरेस्ट किया गया था।
आपातकाल का विरोध करने वाले हजारों लोगों को जेल में लंबे समय तक बंदी बनाकर रखा गया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय मूल विचारधारा के कारण ही हम प्रजातांत्रिक हैं। इस तरह अब यही लोकतांत्रिक सोच आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में लगातार खुशहाल एवं विकसित होती जा रही है। नड्डा ने कहा कि अगर हम उजाला चाहते हैं, तो हमें अंधेरों को भी याद रखना होगा। इसलिए हमें आपातकाल को याद रखकर लोकतंत्र को लगातार मजबूत करने के लिए काम करना होगा।
कार्यकर्ताओं से अपील: ड्राइंगरूम में बैठकर नहीं, बूथ पर सुनें मोदी जी के मन की बात
जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि सभी को मन की बात कार्यक्रम बूथ पर सामुहिक रूप से सुनना चाहिए, इससे बूथ का सुदृढ़करण होगी। यह कार्यक्रम ड्राइंगरूम में अकेले बैठकर सुनने का नहीं है, बल्कि सामुहिक रूप से बूथ पर बैठकर सुनने का है। श्री नड्डा ने कहा कि मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम कार्य को एक्टिविटी में बदलने की प्रेरणा देता है। इसलिए हम सभी को सामुहिक रूप से इस कार्यक्रम में उठाए गए सामाजिक विषयों पर चर्चा करने के साथ-साथ इन्हें अपने जीवन में भी उतारना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कभी राजनीतिक बात नहीं की: नड्डा
नड्डा के कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी राजनीतिक बात नहीं की। इसमें उन्होंने हमेशा जनजागरण और देश के समन्वित विकास की गहरी से गहरी बात की। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण, विज्ञान, ग्रामीण विकास, खेल कूद और नव निर्माण पर महीन से महीन चर्चा करते हुए इसे देश के जन-जन तक पहुंचाया। मन की बात हमें सामाजिक, आध्यात्मिक और जन जागरण की एक सामूहिक प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि हम सब इसी तरह रविवार को सामूहिक रूप से बूथ पर बैठकर ही मन की बात सुनें।
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