लखनऊ (एजेंसी)। उमस भरी गर्मी से बेहाल उत्तर प्रदेश में सूखी धरा को भिगोने के लिये मानसून के बादल 28 जून तक राज्य के पूर्वी छोर तक पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग के पूवार्नुमान के अनुसार 28 जून से पूर्वी उत्तर प्रदेश लगभग सभी स्थानों और पश्चिम यूपी के अनेक इलाकों में गरज चमक के साथ वर्षा के आसार हैं। बारिश का यह सिलसिला कम से कम अगले तीन दिनों तक जारी रहने का अनुमान है। इस दौरान रूक रूक कर वर्षा होगी जबकि कुछ एक स्थानों पर भारी वर्षा की भी संभावना है। मानसून में विलंब का असर उत्तर प्रदेश में साफ दिखायी दे रहा है।
किसान खेतों को तैयार करने के लिये आसमान की ओर टकटकी लगाये हुये है वहीं ग्रामीण इलाकों में इंद्रदेव को मनाने के लिये टोन टोटके का दौर भी शुरू हो चुका है। शहरों में आज साप्ताहिक अवकाश के दिन सड़क बाजार और माल में अभूतपूर्व सन्नाटा पसरा दिख रहा है। गर्मी और उमस से बचने के लिये लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। इस बीच बिजली की मांग भी हर रोज नये कीर्तिमान बना रही है हालांकि विद्युत विभाग मांग को पूरा करने के लिये अपने नियमित संसाधनों के अलावा महंगी दरों पर अन्य वैकल्पिक श्रोतों से भी बिजली आयात कर रहा है।
भीषण विद्युत कटौती का सामना करने को मजबूर
इसके बावजूद स्थानीय गड़बड़ियों के चलते कई इलाके भीषण विद्युत कटौती का सामना करने को मजबूर हैं। बिजली की आंखमिचौली का असर जलापूर्ति पर भी पड़ा है ,नतीजन कई इलाकों में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। वहीं भूजल स्तर गिरने से हजारों की तादाद में निजी सबमर्सिबल पंपों ने काम करना बंद कर दिया है।
गर्मी से बचने के लिये प्राणि उद्यान पर वन्य जीवों के लिये कूलर और पंखों का इंतजाम किया गया है। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के बावजूद लखनऊ और कानपुर स्थित प्राणि उद्यान में दर्शकों की संख्या नगण्य रही और जिन लोगों ने चिड़ियाघर जाने का प्रोग्राम भी बनाया, उन्हे बाड़े से बाहर टहलने के आदी शेर आदि वन्य जीवों के दर्शन नहीं हुये।
पिछले करीब एक सप्ताह से पड़ रही भीषण गर्मी और उमस के चलते अस्पतालों के बाहृय रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीजों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। हीट स्ट्रोक,डायरिया,दस्त और बुखार के मरीजों की अस्पतालों और निजी डिसपेंसरियों में कतारें लगी है। चिकित्सकों की सलाह है कि घर से बाहर निकलने की दशा में सर से पांव तक खुद को ढक कर रखें और तरल पेय पदार्थो का सेवन करते रहें। दिल और सांस के रोगी विशेष एहतियात बरतें।
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