उज्जैन (एजेंसी)। खगोलीय घटना के तहत प्रतिवर्ष 21 जून के बाद दिन जीरे धीरे छोटे होने लगेंगे और आगामी 23 सितंबर को दिन एवं रात बराबर होंगे। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्त ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण के कारण सूर्य 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा पर लंबवत स्थिति में होता है। कर्क रेखा की स्थिति 23 डिग्री 26 मिनट उत्तरी अक्षांश पर है और 21 जून को सूर्य की क्रांति 23 डिग्री 26 मिनट 14 सेकंड उत्तर होगी। उन्होंने बताया कि 21 जून को सूर्य अपने अधिकतम उत्तरी बिंदु कर्क रेखा पर होने के कारण उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे बड़ा तथा रात्रि सबसे छोटी होती है और 21 जून के बाद सूर्य की दक्षिण की ओर गति दृष्टिगोचर होगी।
इसे दक्षिणायन प्रारंभ कहते हैं। इस प्रकार दिन सबसे बड़ा 13 घंटे 34 मिनिट तथा रात्रि 10 घंटे 26 मिनट की होगी। उन्होंने बताया कि उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है और 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य की किरणें लंबवत होने के कारण परछाई शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि वेधशाला में इस खगोलीय घटना को दिखाने की व्यवस्था की गई है। धूप होने पर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर शंकु यंत्र के माध्यम से परछाई को गायब (शुन्य) होते प्रत्यक्ष देख सकेंगे।
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