मुंबई (एजेंसी)। वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगायी को काबू में करने के लिए केन्द्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढोतरी से घबराये निवेशकों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते सप्ताह की गयी भारी बिकवाली का असर घरेलू स्तर पर भी दिखा जहां गिरावट के कारण निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक डूब गये। समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2943.02 अंकों की गोता लगाकर 52 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 51360.42 अंक पर आ गया। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 51 हजार से भी नीचे उतरा है। इसी तरह से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 908.3 अंकों की गिरावट के साथ 15293.50 अंक पर रहा।
दिग्गज कंपनियों की तरह ही छोटी और मझौली कंपनियों में भी बिकवाली का दबाव रहा जिससे समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का मिडकैप 1194.39 अंक टूटकर 21295.93 अंक पर और स्मॉलकैप 1723.54 अंक गिरकर 24133.88 अंक पर रहा। बाजार में बीते सप्ताह की बिकवाली में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि गत 10 जून को जब सप्ताहांत पर बीएसई बंद हुआ था उस समय उसका बाजार पूंजीकरण 25184358.86 करोड़ रुपये था जो इस शुक्रवार को 1506542.78 करोड़ रुपये की साप्ताहिक गिरावट लेकर 23677816.08 करोड़ रुपये पर आ गया। इस बिकवाली में विदेशी निवेशकों की बड़ी भूमिका रही है क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढोतरी किये जाने के बाद उन्होंने जमकर बिकवाली की।
विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह भी बाजार पर दबाव दिख सकता है हालांकि अभी बाजार जिस स्तर पर आ चुका है वहां से अब तेजी की उम्मीद की जा रही है लेकिन वैश्विक कारकों का असर बना रह सकता है। घरेलू स्तर अग्निपथ योजना का हो रहे विरोध का असर भी बाजार पर दिख सकता है लेकिन वैश्विक कारकों से अधिक उतार चढ़ाव दिख सकता है।
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