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बरेली यूपी के मेडिकल के विद्यार्थी करेंगे रिसर्च
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शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवानों ने दी श्रद्धांजलि
सच कहूँ/अनिल
गोरीवाला। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई गई अमर सेवा मुहिम के तहत ब्लॉक दारेवाला के संबंधित गांव मलिकपुरा निवासी सुखदेव कौर इन्सां 69 वर्षीय के निधन उपरांत परिवार की ओर से उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनकी मृत देह को शोध कार्यों के लिए दान किया गया। उनके मृत शरीर पर श्रीराम मूर्ती स्मारक इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज बरेली यूपी के मेडिकल के विद्यार्थी रिसर्च करेंगे। दरअसल मलिकपुरा निवासी शरीरदानी सुखदेव कौर इन्सां अचानक ही अल सुबह अपनी संसारिक यात्रा पूरी कर सतगुरु के चरणों में ओड़ निभा गई। शरीरदानी के पति दर्शन सिंह इन्सां ने सचखंडवासी सुखदेव कौर इन्सां की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए ब्लॉक दारेवाला के जिम्मेवारों से संपर्क कर उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च कार्यों के लिए यूपी के श्री राम मुर्ती स्मारक इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज बरेली यूपी को दान कर दिया।
सुखदेव कौर इन्सां अमर रहे के नारों से गुंजयमान हुआ आसमान
शरीरदानी के मृत देह को फूलों से सजी एंबुलेंस से रुखसत किया गया। इससे पहले शरीरदानी के निवास स्थान से लेकर गांव की गलियों से होते हुए एंबुलेंस के साथ-साथ पैदल सैकड़ों की संख्या में साध संगत व रिश्तेदार जब तक सूरज चांद रहेगा, सुखदेव कौर इन्सां तेरा नाम रहेगा, धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के गगनभेदी नारों से आसमान गूंज रहा था। वहीं गांव के प्रवेश द्वार से शरीरदानी के पार्थिव देह को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग व साध-संगत द्वारा सैल्यूट देकर रवाना किया गया।
बेटियों और पुत्रवधू ने दिया अर्थी को कंधा
शरीरदानी की पार्थिव देह को बेटा बेटी एक समान मुहिम के तहत उनकी बेटी चरणजीत कौर इन्सां, जसप्रीत कौर इन्सां, खुशमीन कौर इन्सां, राजपाल कौर इन्सां, बेटा हरजिंद्र सिंह इन्सां व सुखविंद्र सिंह इन्सां ने माता की अर्थी को कंधा दिया। इस मौके पर भंगीदास केवल कृष्ण इन्सां, 15 मैंम्बर इकबाल इन्सां, महेंद्र कुमार, विनोद इन्सां, इंद्रमोहन इन्सां, भंगीदास गुरजीत सिंह, सुखदेव सिंह इन्सां, खेता सिंह, जसपाल इन्सां, डॉ. बनवारी लाल, पूर्व सरपंच इकबाल सिंह के साथ रिश्तेदार व साध-संगत मौजूद रही।
‘‘45 मैम्बर धनराज इन्सा ने बताया कि माताजी ने परम पिता शाह सतनाम जी महाराज जी से नाम शब्द की अनमोल दात प्राप्त की हुई थी। माता सुखदेव कौर इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए जीते जी शरीरदान करने का प्रण लिया हुआ था।
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