धर्मगढ़/चीमा मंडी (सच कहूँ/जीवन गोयल)। हल्का दिड़बा के अंर्तगत पड़ने वाले गांव छाजली और गंढूआं के किसानों की खराब हो रही फसल को लेकर मौजूदा सरकार द्वारा किसानों के साथ एमएसपी देने के वायदे किसानों को हवा-हवाई लग रहे हैं। भाकियू एकता उगराहां के ब्लॉक प्रधान जसवंत सिंह तोलावाल ने कहा कि सरकारों द्वारा किसानों के साथ अनेकों वायदे किए जा रहे हैं। किसान नेताओं द्वारा मंडी सुनाम का दौरा करने पर पता लगा कि किसानों की मंडी में मूंगी और मक्की की फसल के ढेर लगे हुए हैं।
एमएसपी देने का ड्रामा क्यों किया?
गांव गंढूआं के किसान बलवीर सिंह ने मक्की की ढेरी और छाजली के किसान प्रीतम सिंह ने मंूगी की फसल को मंडी में खराब होते हुए कहा कि कोई सरकारी खरीद नहीं हो रही, फसल मंडियों में रुल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि मूंगी और मक्की एमएसपी रेट पर खरीद करेंगे, परंतु कोई खरीद नहीं हो रही। किसान सुबह 10 बजे मंडी में आ जाता है और मंडी इंस्पेक्टर शाम 5 बजे आकर ढेरियां देखने पर अनफिट कर जाता है, 100 ढेरियों में से मात्र 10 ढेरियां ही लगती हैं जबकि बाकियों को परेशान होना पड़ता हैं।
जब इस बारे में में सरकारी इंस्पेक्टर के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने बात गोल-मोल करते हुए कहा कि फसल मापदंड पूरे नहीं करती, इस कारण बोली नहीं लगती। उक्त बातों को देखते हुए किसान नेताओं ने ऐतराज जताते हुए कहा कि अगर सरकार ने ऐसे करना था तो एमएसपी देने का ड्रामा क्यों किया? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंडियों में से किसानों की फसल जल्द न खरीदी गई तो बड़ा संघर्ष शुरु किया जाएगा, जिसकी जिम्मेवार खुुद सरकार होगी। उन्होंने मंडियों में किसानों की हो रही प्रॉइवेट लूट का भी आरोप लगाया। इस अवसर पर सुखपाल कनकवाल भंगूआं, रामपाल शर्मा सुनाम के अलावा नेता मौजूद थे।
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