करीब 5 घंटे तक चलती रही कार्रवाई, अनेक मेडिकलों के हुए शटर डाउन
ओढां (सच कहूँ/राजू)। कालांवाली क्षेत्र में नशे की आॅवरडोज से हुई 2 मौतों के बाद प्रशासन हरकत में दिखाई दिया। ड्रग विभाग ने मंगलवार को मंडी कालांवाली में कई मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में पुलिस भी साथ रही। इस दौरान टीम द्वारा 4 मेडिकल स्टोरों को सील किया गया। इस कार्रवाई के बाद मंडी में दिनभर हड़कंप मचा रहा। छापेमारी की सूचना के बाद कई मेडिकल संचालक शटर डाउन कर खिसक गए। टीम की यह कार्रवाई करीब 5 घंटे तक चलती रही। कुछ मेडिकल संचालकों ने कार्रवाई के दौरान इधर-उधर से फोन भी करवाए, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी। ड्रग विभाग के सीनियर ड्रग कंट्रोलर निरूपम गोयल की अगुवाई टीम ने एक साथ कई मेडिकल स्टोरों पर पुलिसकर्मी व विभाग के कर्मचारी तैनात कर दिए। ताकि मेडिकल संचालक नशीली गोलियों को इधर उधर न कर दे। ड्रग कंटोलर अधिकारी दिनेश राणा ने सर्वप्रथम सीएचसी के सामने स्थित सुखचैन मेडिकल पर दबिश दी। अधिकारी ने मेडिकल संचालक से दवाओं के बिल मांगते हुए अन्य दस्तावेज भी मंगवाए। इस दौरान उन्होंने वहां से कुछ ऐसी दवाइयां बरामद की जोकि नशे के रूप में प्रयोग की जाती है। मेडिकल संचालक के पास उक्त दवाइयों का कोई रिकॉर्ड नहीं था। जिसके चलते मेडिकल को सील करने की कार्रवाई अमल में लाई गई। वहीं सीनियर ड्रग कंटोलर अधिकारी निरूपम गोयल ने पंजाब बस स्टैंड के पास स्थित यश मेडिकल, कालांवाली गांव रोड पर स्थित कर्ण मेडिकल व राकेश मेडिकल पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान उक्त मेडिकल स्टोरों पर भी ऐसी दवाइयां बरामद की जोकि नशे के रूप में प्रयोग की जाती है। मेडिकल संचालकों के पास उक्त दवाइयों का कोई रिकॉर्ड न होने के चलते उक्त मेडिकलों को सील कर दिया गया। इसके अलावा टीम ने अनेक मेडिकलों पर छापेमारी की।
विभाग के लिए सिरदर्द बने दवा के 2 साल्ट
कुछ मेडिकल संचालक मोटे मुनाफे के चक्कर में टेपेंडाडोल व प्री-गाबालीन साल्ट युक्त गोलियां धड़ल्ले से बेच रहे हैं। उन्हें ये पता है कि ये दवाइयां एनडीपीएस एक्ट के तहत नहीं आती। इसलिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। मेडिकल संचालक इन दवाइयों के मोटे दाम वसूलते हैं। सीनियर ड्रग कंट्रोलर अधिकारी निरूपम गोयल ने भी माना कि ये 2 साल्ट उनके लिए सिरदर्द बन रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन के निर्देशन पर विभाग द्वारा यह कार्रवाई की गई। इस क्षेत्र में नशा अधिक होने की शिकायतें मिल रही थीं। 4 मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाइयां बेची जा रही थीं। इनके पास सैल परचेज के बिल नहीं थे। जिसके चलते उन्हें आगामी आदेशों तक सील कर जवाब मांगा गया है।
निरूपम गोयल, सीनियर ड्रग कंट्रोलर अधिकारी
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