दिव्यांग और सुरक्षा एजेंसियों के लिए होंगी बहुत मददगार
-
70 हजार के खर्च को घटाकर 17 हजार तक लाए
चंडीगढ़। पंजाब कॉलेज (पेक) के स्टूडेंट करन कर्ग, गौरव कुमार सिंह, विवेक कौशल लाई, सात्विक पंडिता और सुव्रत सिंह ने एक ऐसी प्रोस्थेटिक बाजू बनाई है, जो मसल्स को पढ़कर मूव करेगी। इसकी उंगलियां भी चलेंगी। दिव्यांग लोग इससे न सिर्फ सामान पकड़ने जैसे सामान्य काम कर सकेंगे, बल्कि सुरक्षा एजेंसीज भी इसका उपयोग बम निरोधक दस्ते के लिए या दुर्गम एरिया में कैमरा आदि पहुंचाने के लिए कर सकेंगी। हालांकि इस तरह के ‘प्रोस्थेटिक आर्म’ पहले भी बाजार में हैं, लेकिन उनकी कीमत 50 मे 70 हजार रुपये तक है। आम आदमी को ध्यान में रखते हुए यह ‘प्रोस्थेटिक आर्म’ 17 हजार रुपये में तैयार हुई है।
भारत में इस तरह की बाजू अभी तक नहीं बनती। गौरव ने बताया कि इस बाजू में सेंसर लगे हैं, जो मसल्स की मूवमेंट को पहुुंचाएंगे। इंसान के हाथ की मूवमेंट दिमाग से आने वाले सिग्नल पर निर्भर करती है, लेकिन उसकी उंगलियां मसल्स के जोर को पकड़ेंगी। मसल्स की मूवमेंट से ही पता लगेगा कि कितनी उंगलियां काम करेंगी। 100 फीसदी मूवमेंट से पाँचों उंगलियां हिलेंगी और कम होने पर अलग-अलग उंगलियां। उंगलियां या मूवमेंट मायो इलेक्ट्रोनिक्स सेंसर के जरिए मसल्स की एक्टीविटी को पिक करेगा और उसे एक आॅडिनो कंट्रोलर में जानकारी देगा। अलग-अलग जैश्चर इसी से बनेंगे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।