चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सतर्कता ब्यूरो ने नारनौल जिले के कोर्ट परिसर में सरेंडर करने के बाद रिश्वत लेने के आरोप में फरार चल रहे जेल अधीक्षक अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि रेवाड़ी जेल अधीक्षक आरोपी अनिल कुमार के पास नारनौल जेल का भी अतिरिक्त कार्यभार था। उसे अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में 18 अप्रैल को अपराधी घोषित किया था। इससे पहले उसने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी आवेदन किया था, लेकिन ब्यूरो द्वारा इस हाई प्रोफाइल मामले में उचित ‘पैरवी’ और फॉलो-अप कार्रवाई के कारण उसकी अर्जी खारिज कर दी और तब से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही थी। अनिल कुमार पर जेल परिसर, रेवाड़ी में जेल के कैदियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए दो अधीनस्थों के माध्यम से रिश्वत मांगने का आरोप था। नारनौल और रेवाड़ी दोनों जेलों में अपराधियों से पैसे लेने की व्यवस्था लंबे समय से चल रही थी, जिसकी जानकारी ब्यूरो को मिली थी।
इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए ब्यूरो की टीम ने नौ दिसंबर 2021 को नारनौल जेल परिसर में छापेमारी कर जेल वार्डन राजन को कुख्यात गैंगस्टर के गुर्गे संदीप के भाई हंसराज से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान, एक अन्य जेल वार्डन गजे सिंह को भी रिश्वतखोरी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि दोनों जेल वार्डन ने जेल अधीक्षक के निर्देश पर कैदियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पैसे लिए थे। पता चला कि नारनौल और रेवाड़ी में जेल अधिकारी पसंदीदा बैरक, मोबाइल फोन और यहां तक कि ड्रग्स की सुविधा सहित कई सेवाएं प्रदान करने के लिए मोटी रकम वसूल करते थे। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद आरोपी का पुलिस रिमांड कोर्ट से मांगा जाएगा ताकि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार की काली कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों का ब्योरा का पता लगाया जा सके।
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