सेवा करने से हुआ करिश्मा, चलने लगी दोहती

Fruit of Sewa Sachkahoon

कोटा (सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा शाह सतनाम जी दयापुर धाम बूंदी रोड ब्लाक कोटा की सेवादार एवं सूर्यनगर डकनिया स्टेशन निवासी बहन पार्वती इन्सां पत्नी सत्यनारायण इन्सां को अटूट विश्वास एवं सेवा का फल जैसा सोचा उससे भी ज्यादा मिलेगा। ऐसा ही अपने सतगुरु पर विश्वास लिए कोटा से मध्य प्रदेश स्थित राजगढ़ डेरे पर सेवा करने 26 मई को आई। शुक्रवार को 2 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि सेवा का नगदो नगद फल पार्वती इन्सां को करिश्मे के रूप में मिला। पार्वती इन्सां ने कोटा से राजगढ़ प्रस्थान करते समय प्रण किया था कि सेवा के दौरान अनवरत सिमरन करती रहेगी।

उधर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचन अलग-अलग डेरा में सेवा के लिए जाओ तो अलग-अलग जायज मांग पूरी होगी। बहन पार्वती इन्सां की जायज मांग थी कि उनकी दोहती पूर्वी जो काफी उपचार कराने के बाद भी अपने पैरों से चल नहीं पा रही थी। उपचार के लिए पार्वती इन्सां 24 मई को भी पूर्वी को उपचार के लिए अस्पताल लेकर गई हुई थी। मध्य प्रदेश स्थित राजगढ़ सेवा के चलते कोटा के 25 मेंबर जोरावर सिंह इन्सां ने पार्वती इन्सां को पूज्य गुरुजी के 10 वें शाही पत्र में हुए वचन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए राजगढ़ सेवा में चलने के लिए आग्रह किया तो वह पूज्य गुरुजी के वचनों के बारे में समझ कर तुरंत राजगढ़ डेरे में सेवा के लिए जाने को तैयार हो गई।

बहन पार्वती इन्सां को राजगढ़ डेरे में सेवा करते अभी 2 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि शुक्रवार को उनकी बेटी पूजा ने मोबाइल पर यह सूचना दी कि सवा 2 साल की पूर्वी अचानक दीवार के सहारे खड़ी होकर चलने लगी। यह सूचना मिलते ही पार्वती इन्सां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पार्वती इन्सां का कहना है कि मुझे अपने सतगुरु पर पूर्ण विश्वास था कि मेरे सतगुरु मेरी जायज मांग को अवश्य पूरी करेंगे। पार्वती इन्सां कहती हैं कि सभी साथ संगत अपने सतगुरु पर पूर्ण विश्वास रखते हुए सिमरन के साथ-साथ सेवा करे तो निश्चित ही सतगुरु जायज मांग को अवश्य पूरी करते हैं। संत वचन पलटे नहीं पलट जाए ब्रह्मांड। उनका कहना है कि अलग-अलग आश्रमों पर जाकर साध संगत अपनी अलग-अलग जायज मांगे अपने सतगुरू से अवश्य पूरी करवाएं।

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