होशियारपुर (सच कहूँ न्यूज)। देश के सभी राज्य सरकार के तमाम पुख्ता इंतजाम होने के कारण भी हर वर्ष कोई न कोई बच्चा बोरवेल में गिर जाने की घटना सामने आ ही जाती है। इस बीच आज पंजाब के होशियारपुर में गांव गढ़दीवाला में एक 6 वर्षीय बच्चा बोरवेल में गिर जाने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि बच्चा किसी कुत्ते से बचता हुआ बोरवेल में जा गिरा। सूचना मिलते ही गांव वासियों व प्रशासन की तरफ से बच्चे को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बच्चा जिस बोरबेल में गिरा है वह लगभग 300 फुट गहरा है। मौके पर विधायक जसवीर सिंह राजा भी पहुंच चुके है।
आखिर क्यों होती है ऐसी घटना
21 जुलाई 2006 को हरियाणा के गुरूग्राम में प्रिंस नाम का बच्चा 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। 23 जुलाई को भारतीय सेना के जवानों ने उसे बाहर निकाला। तब यह घटना पहली बार देशभर में सुर्खिया बनी थी और सबने प्रिंस की सलामती के लिए दुआ मांगी थी। सेना ने तो प्रिंस को नौकरी देने का वादा भी किया था। इसी घटना के बाद जनहित याचिकाओं का सिलसिला शुरू हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट दे चुका है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने नलकूप खनन के दौरान छोटे बच्चों को होने वाली गंभीर दुर्घटनाओं से बचाने के लिए 6 अगस्त 2010 में आदेश पारित किया था। फैसला तत्कालीन चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया, जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने रिट पिटीशन पर सुनाया था।उसी समय से फैसला पूरे देश में लागू है, लेकिन इसका सही क्रियान्वन आज तक नहीं हुआ।
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
- नलकूप की खुदाई से पहले कलेक्टर/ग्राम पंचायत को लिखित सूचना देनी होगीं ।
- खुदाई करने वाली सरकारी, अर्ध-सरकारी संस्था या ठेकेदार का पंजीयन होना चाहिए।
- नलकूप की खुदाई वाले स्थान पर साइन बोर्ड लगाया जाना चाहिए।
- खुदाई के दौरान आसपास कंटीले तारों की फेंसिंग की जाना चाहिए।
- केसिंग पाइप के चारों तरफ सीमेंट/कॉन्क्रीट का 0.30 मीटर ऊंचा प्लेटफार्म बनाना चाहिए।
- बोर के मुहाने को स्टील की प्लेट वेल्ड की जाएगी या नट-बोल्ट से अच्छी तरह कसना होगा।
- पम्प रिपेयर के समय नलकूप के मुंह को बंद रखा जाएगा
- नलकूप की खुदाई पूरी होने के बाद खोदे गए गड्ढे और पानी वाले मार्ग को समतल किया जाएगा।
- खुदाई अधूरी छोड़ने पर मिट्टी, रेत, बजरी, बोल्डर से पूरी तरह जमीन की सतह तक भरा जाना चाहिए।
किसकी है जिम्मेदारी
बोरवेल खुदाई को लेकर अलग-अलग राज्यों का विभागों के साथ ही हाईकोर्टों के कई निर्देश हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियमों को पालन कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होगी। वे सुनिश्चित करेंगे कि केंद्रीय या राज्य की एजेंसी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी मार्गदर्शिका का सही तरीके से पालन हो।
क्यों खुले पड़े रहते हैं बोरवेल
- लापरवाही और पैसा बचाने के लालच में बोरवेल, ट्यूबवेल को खुला छोड़ दिया जाता है।
- कई किसान इस कारण भी खुला छोड़ देते हैं कि अगले साल पानी आने पर उन्हें पानी आने की उम्मीद रहती है।
- किसानों को यह लगता है कि खेत में बच्चों का आना-जाना नहीं होता, इसलिए इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते।
- वहीं कई संस्थागत बोरवेल ठेकेदारों द्वारा लापरवाही और पैसे बचाने के लिए खुले छोड़ दिए जाते हैं।
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