केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती किये जाने से पेट्रोल 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जायेगा: वित्त मंत्री
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को रसोई गैस पर इस वर्ष 12 सिलेंडर तक प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी: वित्त मंत्री
नई दिल्ली (एजेंसी)। नई दिल्ली। सरकार ने महंगाई से परेशान देशवासियों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्कों में क्रमश: 9.5 रुपये प्रति लीटर और सात रुपये प्रति लीटर की कमी करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को भी रसोई गैस पर प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी दी जायेगी और सीमेंट, स्टील तथा प्लास्टिक के उत्पादों की कीमतें भी कम करने के उपाय किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ये घोषणायें करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यभार ग्रहण करते ही मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित हो गयी थी। गरीबों और मध्यवर्गीय परिवारों की मदद के लिए कई पहल की गयी हैं जिसके परिणाम स्वरूप पहले की सरकारों की तुलना में मोदी सरकार के कार्यकाल में औसत महंगाई कम रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा गरीब और आम लोगों से किये गये मदद के वादे के अनुरूप आज कई उपाय किये जा रहे हैं जिसमें पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर सात रुपये प्रति लीटर की कटौती गयी है। इस कटौती के बाद पेट्रोल 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल सात रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जायेगा। इस कटौती से सरकार को सलाना करीब एक लाख रुपये के राजस्व की हानि होगी। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से जिन्होंने नवंबर में उत्पाद शुल्क में की कमी के दौरान मूल्य वर्धित कर में कमी नहीं की थी उससे वैट में कमी करने की अपील करते हुये कहा कि आम लोगों को राज्य सरकारें भी राहत प्रदान करें।
12 सिलेंडर तक दो सौ रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देने का भी निर्णय
वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभाथिर्यों को साल में 12 सिलेंडर तक दो सौ रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया गया है। इसका लाभ नौ करोड़ लाभाथिर्यों को होगा और इससे 6100 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आयात निर्भरता वाले प्लास्टिक उत्पादों के कच्चे मालों पर भी सीमा शुल्क में कमी की जा रही है। इससे उसके उत्पादों की कीमतों में कमी आयेगी। लौहा और स्टील के कच्चे माल पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाया जा रहा है जिससे स्टील के कच्चे माल पर आयात शुल्क कम होगा। सीमेंट की उपलब्धता बढ़ाने के भी उपाय किये जा रहे हैं जिससे उसकी कीमतें भी कम होगी।
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