नई दिल्ली (एजेंसी)। पर्यावरण बदलाव का असर अब आम आदमी के जीवन पर दिखने लगा है। बेशक भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। लेकिन इस बार हीटवेव के चलते गेहूं के घटे उत्पादन के कारण कई वस्तुओं के रेटों में इजाफा देखा जा रहा है। इसी का परिणाम है कि गेहूं के रेटों में भी 60 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो गई। रूस और यूक्रेन युद्ध और भारत के गेहूँ के निर्यात पर रोक का असर अब दुनिया के बाजारों में भी दिखना शुरू हो गया है।
इस साल में अब तक गेहूँ के दाम में 60 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही जी-7 देशों ने भारत के गेहूँ निर्यात पर रोक के कदम का विरोध किया है। इन देशों का तर्क है ऐसा करने से दुनियाभर में बड़ा खाद्य संकट पैदा हो सकता है। बता दें कि भारत द्वारा गेहूँ निर्यात पर रोक लगाने से ब्रेड से लेकर नूडल्स तक के रेटों में भारी इजाफा हुआ है। अगर हालात नहीं सुधरे तो आगामी वक्त में कई देशों को गेहूं से बनी खाद्य वस्तुओं के संकट से जूझना पड़ सकता है।
भारत इन देशों में करता है गेहूँ निर्यात
- बांग्लादेश
- अफगानिस्तान
- नेपाल
- कतर
- यूएई
- इंडोनेशिया
- श्रीलंका
- ओमान
- यमन
- मलेशिया
इस बार क्यों घटा उत्पादन?
गेहूँ के उत्पादन में इस बार 25 फीसदी तक कमी आई है। इसका मुख्य कारण मौसम कहा जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मार्च में गेहूं के लिए 30 डिग्री से ज्यादा टेम्परेचर नहीं होना चाहिए। इसी समय गेहूं में स्टार्च, प्रोटीन और अन्य ड्राई मैटर्स जमा होते हैं। लेकिन इस बार मार्च से हीटवेव के चलते तापमान 40 फीसदी पहुंच गया था। इससे गेहूं समय से पहले ही पक गया और दाने हल्के हो गए।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।