एनजीटी का हवाला दे पाकिस्तान छोड़ा राजस्थान आने वाला पानी, श्रीगंगानगर में होने लगा इंतजार

Referring to NGT sachkahoon

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। हरिके बैराज से राजस्थान की नहरों में आने वाला पानी रविवार को एनजीटी (Referring to NGT) के आदेशों का हवाला देते हुए रोक दिया गया। पंजाब के सिंचाई विभाग ने इस रोके गए पानी को पाकिस्तान की ओर प्रवाहित करना प्रारम्भ कर दिया। इधर पानी छुड़वाने की मांग करने गए जिले के किसान संगठन आपस में ही उलझ गए और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे।

इधर कृषि विभाग द्वारा पानी के लिए ासैम्पल को कृषि योग्य मानते हुए नहरों में खेती के लिए छोड़ने की पैरवी की है। समाचार लिखे जाने तक पानी का प्रवाह पाकिस्तान की ओर था और राजस्थान की ओर आने वाली सरहंद फीडर के गेट बंद थे। गंगनहर में 2255 क्यूसेक पानी का प्रवाह जारी था।

बंद किए गए गेटों का असर अगले दिनों में होने वाला था। बताया गया कि बीएमबी की बैठक में एनजीटी (Referring to NGT) के आदेशों का हवाला देते हुए बंदी को दौरान एकत्रित हुए गंदे पानी को एक साथ राजस्थान की नहरों में प्रवाहित करने के स्थान पर पाकिस्तान छोड़ने पर सहमति बनी थी लेकिन इस पानी को रोकने के बाद कृषि प्रधान श्रीगंगानगर जिला में सावनी की बिजाई नाम मात्र रहने की स्थिति आ गई जिसके चलते किसान संगठनों ने पहले से ही नहरों में आ रहे दूषित पानी को लगातर प्रवाहित करने व पेयजल के लिए भंडारन नहीं करने की रोक लगाने की मांग करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया।

जिसके बाद हरकत में आए पंजाब व राजस्थान के सिंचाई विभाग के अधिकारी सैंपल सही होने पर गंगनहर में पानी प्रवाहित करने पर सहमत हो गए। रविवार को सैंपल लेने के स्थान पर अधिकारियों ने पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार सरहंद फीडर के गेट बंद करते हुए सतलुज नदी के रोके गए दूषित पानी को पाकिस्तान की ओर प्रवाहित करना छोड़ दिया। मौके पर मौजूद किसान इसका विरोध करते रहे लेकिन उनकी पार नहीं पड़ी और वे बेबस मन से पानी को पाकिस्तान की ओर जाता देखते रहे।

इसी दौरान मौके पर पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारियों ने पानी का सैम्पल भरा जिसकी शाम तक आई रिपोर्ट में पानी को कृषि योग्य मानते हुए इसे प्रवाहित करने में सहमति दे दी पर बीएमबी की ओर से आए दल द्वारा भरे गए सैंपल (Referring to NGT) को कृषि योग्य नहीं माना। किसानों के विरोध जताने के बाद दोनों टीमों ने एक साथ सैंपल लिया तो पंजाब के विभाग द्वारा लिया गया सैंपल भी कृषि योग्य उपयुर्क्त माना गया। समाचार लिखे जाने तक बीएमबी के अधिकारियों का दल इस पर मंथन करने में जुटा हुआ था वहीं किसान संगठनों आरोप प्रत्यारोप जारी थे और श्रीगंगानगर जिले का किसान पानी का इंतजार कर रहा था।

नहरबंदी के विरोध में सयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने शुरू किया धरना

किसान नेता आज सुबह ही सिंचाई विभाग व कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ली जा रही हरिके बैराज पर पानी की सेम्पलिंग का निरीक्षण करने के लिए पंजाब के लिए रवाना हुए थे। किसानों के पहुंचने से पूर्व ही हरिके बेराज से पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ दिया गया व गंगनहर के गेट बंद कर दिए। इसके विरोध में किसान नेताओं से उच्च अधिकारियों से बात की व हरिके बैराज पर धरना शुरू कर दिया गया।

पंजाब के लिए रवाना हुए किसान नेताओं में पृथ्वीपाल सिंह संधु, किसान सभा के जिला अध्यक्ष कालू थोरी, किसान आर्मी के सयोंजक मनिंदर सिंह मान, जय किसान आंदोलन के रमन रंधावा, किसान संघर्ष समिति के अमरसिंह बिश्नोई, गुरबलपाल सन्धु, रविन्द्र तरखान, जल उपभोक्ता संगम अध्यक्ष बलराम नैण, कृष्ण मंगावा, शीतल सिंह, गुलाब सिंह, राजविंदर सिंह, सुखवीर सिंह फौजी, जगदीप सिंह गंगूवाला, नक्षत्र सिंह बुट्टर, विनोद जाखड़, हरचरण बराड़, कैलाश पूनिया, मानक थालोड़, शमशेर बराड़, संदीप सिंह केरा, पूर्व सरपंच वीरेंद्र राजा, बब्बू ढिल्लों, लखविंदर सिंह टीटी, परविंदर सिंह, सुखमीत सिंह, जशन सिंह गिल, नरेंद्र बिश्नोई, सुखराज सिंह, सुमित बिश्नोई, सुशील नैण, देवीलाल सहारण आदि सैकड़ो लोग शामिल रहे।

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