देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार पहले 2.2 फीसदी थी, जो घटकर 2 फीसदी हुई
- देश में पुरुषों की साक्षरता दर 84 प्रतिशत, जबकि महिलाओं की 72 प्रतिशत
गुरुग्राम(सच कहूँ/संजय मेहरा)। स्वास्थ्य मंत्रालय की नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की पांचवीं रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में बच्चे पैदा करने की रफ्तार घटी है। यानी अब बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण लग रहा है। पहले यह रफ्तार 2.2 फीसदी थी जो अब घटकर 2 फीसदी हो गई है। हर क्षेत्र में बढ़ती महंगाई के चलते विशेषज्ञ जनसंख्या नियंत्रण को सही मान रहे हैं। इससे बच्चों का सही पालन-पोषण हो सकेगा। सर्वे के माध्यम से पता चला है कि देश में शिक्षा की स्थिति में भी सुधार हुआ है।
यहां पुरुषों की साक्षरता दर 84 फीसदी है, जबकि महिलाएं देश में 72 प्रतिशत साक्षर हैं। रोजगार की बात करें तो सर्वे में बताया गया है कि देश में 75 फीसदी पुरुषों और 25 फीसदी महिलाओं के पास रोजगार है। 50 फीसदी पुरुषों और 45 फीसदी महिलाओं ने कम से कम 10 साल तक स्कूलों में शिक्षा ली है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी के इस दौर में भी आज की तारीख में 32 फीसदी पुरुष और 41 फीसदी महिलाएं अखबार, टीवी, रेडियो, सिनेमा से दूर हैं। यह सब उन तक नहीं पहुंच पाए हैं। इंटरनेट के उपयोग की बात करें तो देश में 15 से 49 साल के बीच 32 फीसदी पुरुष और 41 फीसदी महिलाएं इंटरनेट क उपयोग करते हैं।
सब सुख चाहिए तो जनसंख्या घटाइये : डॉ. राम सिंह
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जीव विज्ञानी डा. (प्रो.) राम सिंह कहते हैं कि जनसंख्या पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। अगर सब सुख चाहिए तो जनसंख्या को घटाइये। हमें अपने बच्चों को सब कुछ देना है तो बच्चों की संख्या भी सीमित रखनी होगी। आज सुविधाओं की कमी का बड़ा कारण ही जनसंख्या है। लाइफस्टाइल बढ़ने के साथ खर्चे भी उसी हिसाब से हो जाते हैं।
ऐसे में मध्यम व उच्च वर्ग के लोग खुद ही इस बात के प्रति जागरुक हुए हैं कि कम जनसंख्या से ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है। सरकार अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना सकती तो कम से कम ऐसा जागरुकता कार्यक्रम चलाए, जिससे कि हर व्यक्ति इस बात को सोचे की भविष्य सीमित जनसंख्या से ही सुरक्षित है। समय रहते हमें संभलना भी चाहिए। सिर्फ जनसंख्या ही नहीं, प्रकृति के साथ और भी बहुत से खिलवाड़ हो रहे हैं, जिन्हें बंद करना जरूरी है। नहीं तो प्रकृति इंसान से लड़ेगी और सब नष्ट कर देगी।
मोटापे से भी अछूते नहीं हैं लोग
सर्वे में सामने आया है कि देश में मोटापा भी बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2015-16 में 21 फीसदी महिलाओं का वजन अधिक था, जो अब बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई हैं। पुरुषों में मोटापे का आंकड़ा 19 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी हो गया है।
अब अधिक उम्र में हो रही शादियां देश में शादी की भी उम्र बढ़ी है। सरकार की तरफ से ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है, लेकिन अब अधिक उम्र में युवाओं की शादियां हो रही हैं। पुरुषों की शादी की औसत उम्र अब 24.9 वर्ष (24 साल 9 महीने) आंकी गई है, जबकि महिलाओं की शादी की उम्र 18.8 वर्ष (18 साल 8 महीने) हो गई है। इसी तरह परिवार नियोजन की बात करें तो इस मामले में महिलाओं की संख्या 48 फीसदी से बढ़कर 56 फीसदी हो गई है।
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