मोटे अनाज की खेती छोड़ 11 एकड़ में लगाया बाग और 6 एकड़ में खीरे
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खीरे की खेती से प्रति एकड़ सालाना ले रहें हैं करीब सात लाख मुनाफा
सच कहूँ/इन्द्रवेश, भिवानी। जिला के गांव धनाना के प्रगतिशील किसान सुरेंद्र सिंह ने बंजर जमीन (Barren Land) पर तरबूज-खीरे उगाकर लोगों को दांतों तले उगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया है। सुरेन्द्र सिंह ने मोटे अनाज की अपेक्षा बागवानी को अपनाया है। उन्होंने अपने कम पानी के खेत में बागवानी को चुना है, जिसमें उसने 11 एकड़ में बाग लगाया है और 6 एकड़ में नेटहाऊस लगाकर खीरे की खेती है। खीरे की खेती से वह प्रति एकड़ सालाना करीब सात लाख कमा रहा है।
कोरोना काल के दौरान सुरेंद्र सिंह ने अपना समय खेती को दिया है। प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अपने आसपास क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। दूसरे किसान भी उनके खेत में आकर उनके तरीकों को देख रहे हैं। बागवानी और नेटहाऊस के लिए वह करीब पांच किमी दूर अपने ही खेत से पाईप लाईन के माध्यम से पानी लेकर आया है।
प्रति एकड़ करीब 500 क्विंटल खीरा की पैदावार
कोरोना काल के दौरान जब प्रत्येक इंसान कोरोना से बचाव में लगा था, उस समय गांव धनाना निवासी प्रगतिशील किसान सुरेंद्र अपना सारा समय खेत में दे रहा था। उन्होंने छह एकड़ में नेट हाऊस लगाया और 11 एकड़ में बागवानी की। नेट हॉऊस में वह खीरे की खेती कर रहा है।
सर्दी के मौसम में प्रति एकड़ 300 क्विंटल खीरे की पैदावार ले रहा है, जबकि गर्मी के इस मौसम में वह प्रति एकड़ करीब 500 क्विंटल खीरा पैदावार ले रहा है। इस तरह से किसान सुरेंद्र के अनुसार खीरे की खेती से वह सालाना प्रति एक एकड़ करीब सात लाख रुपए कमा रहा है। वह खीरे की बिक्री भिवानी मंडी के अलावा रोहतक व हांसी मंडी में बिक्री करता है।
11 एकड़ में की बागवानी
किसान सुरेंद्र ने पिछले तीन साल से अपने खेत में 11 एकड़ (Barren Land) में बागवानी की है, इसमें उसने अमरूद, कीन्नू, बेरी आदि लगाए है। इसके साथ-साथ उन्होंने अपने इस खेत में बादाम, सेब, चीकृ और आड़ू के पौधे लगाए हैं। जब तक इन पौधों पर फल लगने शुरू हों, खर्च निकालने के लिए सुरेंद्र हर साल रंग-बिरंगे तरबूज की खेती करता है। कोई तरबूज बाहर से हरा है तो वह अंदर से पीला निकलता है और यदि कोई बाहर से पीला दिखाई देता है तो वह अंदर से लाल निकलता है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल कर चुके खेत का दौरा
किसान सुरेंद्र ने बताया कि सिंचाई के लिए उन्होंने अपने खेत से पाईप लाईन के माध्यम से पानी की व्यवस्था की है जो कि करीब पांच किमी दूरी से ली है। यहां पर उन्होंने 100 बाई 100 फीट के दो टैंक बनाए हैं। वे पूरी खेती सोलर सिस्टम के माध्यम से करते हैं। सुरेंद्र ने बताया कि बताया कि कृषि मंत्री जेपी दलाल भी उनके खेत का दौरा कर चुके हैं।
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