शरीरदान कर अमर हुए रामेश्वर इन्सां
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करीब 30 वर्षों से कर रहे थे कैथल के पुराने डेरे में दिन-रात सेवा
सच कहूँ/वर्मा, कैथल। कैथल जिले के गांव कसान निवासी प्रेमी रामेश्वर इन्सां पुत्र नानू राम अपने स्वासों पूंजी पूरी कर मालिक की गोद में सचखंड जा विराजे। पिछले काफी लंबे अर्से से वे अस्वस्थ चल रहे थे। उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेल डोडा, जम्मू-कश्मीर में शोध के लिए भेजा गया है। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। आप को बतादे की कैथल जिले के छोटे से गांव कसान में उनका जन्म हुआ और वे यहीं पर पले बड़े। उनके पिता नानू राम भी पिछले काफी अर्से से डेरे से जुडे रहे हैं।
पिछले करीब 30 वर्षों से प्रेमी रामेश्वर इन्सां (Satguru Ke Pyare) कैथल के पुराने डेरे में दिन-रात सेवा कार्य करते रहे हैं और उनका समूचे परिवार ने नाम दान लिया हुआ है। रामेश्वर इन्सां ने जीते जी ये प्रण किया हुआ था की उनके मरने के बाद उनके शरीर को मानवता भलाई के लिए दान कर दिया जाए। उनका प्रण पूरा करते हुए उनके परिवारजनों ने उनका मृत शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर दिया।
मानवता के प्रति प्रेम और मानवता भलाई के लिए किए गए इस कार्य व उनके त्याग और बलिदान की प्रेरणा से समूचे गांव वासी मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे थे। हर किसी की जुबां पर केवल एक ही बात थी कि मरणोपरांत भी सचखंड वासी प्रेमी रामेश्वर मानवता के काम आ गए। गांव की सीमा तक उनके पार्थिव शरीर (Satguru Ke Pyare) को एक सजी हुई गाड़ी में लाया गया व मेडिकल टीम को सुपुर्द कर दिया गया।
इस अवसर पर 45 मैंबर खरैती लाल इन्सां, 45 मैंबर सुनीता इन्सां, करनैल इन्सां, सुशील इन्सां, शुभम इन्सां, वेद इन्सां, सभी सुजान बहनें, सभी ब्लॉक भंगीदास, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर विंग के भाई-बहनें, भारी तादात में गांववासी भी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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