श्रीनगर (एजेंसी)। लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे (Lt Gen Pandey) ने सोमवार को सेना की 15वीं कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला को सौंपी। श्रीनगर में सेना के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी दी। लेफ्टिनेंट पांडे ने 2021 में जिस समय 15वीं कोर की कमान संभाली थी उस समय हालात बेहद खराब थे। जम्मू कश्मीर में दो बड़ी चुनौतियां थी एक ओर तो आतंकवाद से निपटना था तो दूसरी और कोविड-19 महामारी की दूसरी जानलेवा लहर का भी सामना करना था।
प्रवक्ता ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान नियंत्रण रेखा पर और केंद्र शासित प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में भी सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ। नागरिक प्रशासन और सुरक्षा बलों ने मिलकर कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए पूरी गंभीरता से काम किया और इसी का नतीजा था कि आतंकवाद की घटनाओं में न केवल प्रभावी कमी दर्ज की गयी बल्कि आतंकवादियों की संख्या में भी सर्वाधिक कमी दर्ज की गयी।
उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के कार्य काल में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तकनीकी खुफिया तंत्र प्रभावी तरीके से लगाया गया जिसने सीमापार से होने वाली घुसपैठ में जबरदस्त कमी आयी। इसके साथ साथ युद्ध विराम समझौतों ने नियंत्रण रेखा के करीब रहने वाले लोगों की मदद के लिए नये तरीके से प्रयास करने में मदद मिली।
आतंकवादियों की संख्या घटकर अपने अभी तक के निम्नतर स्तर 150 पर जा पहुंची।
सेना ने एक ओर आतंकवादी के आकाओं को निशाना बनाया तो दूसरी ओर सीमावर्ती इलाके में रहने वाले युवाओं को विभिन्न नये क्रियाकलापों में हिस्सा लेने का अवसर देकर उनके अंदर छिपी प्रतिभा निखारने का काम किया। युवाओं के लिए सांस्कृतिक से लेकर खेलों के क्षेत्र में नये नये मौकों का सृजन किया।
सेना के इन्हीं सब प्रयासों का परिणाम था कि इस दौरान इलाके में आतंकवादियों की संख्या घटकर अपने अभी तक के निम्नतर स्तर 150 पर जा पहुंची। इसके साथ ही सेना ने अंदरूनी इलाकों में हिंसा के कुचक्र को तोड़ने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस और दूसरे केंद्रीय सुरक्षा बलों से प्राप्त सूचना के आधार पर आम लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए आतंकवादियों को हाशिये पर पहुंचाया।
सेना की इस पहल के कारण स्थानीय लोगों के आतंकवादियों का साथ देने की प्रवृत्ति में कमी आयी और स्थानीय आतंकवादियों ने हथियार भी डाले। इसके साथ ही ऐसे कई कार्यक्रम भी शुरू किये गये जिससे सफेद कॉलर आतंकवादियों के युवाओं को गुमराह कर उनमें कट्टरता भरने और हिंसा के रास्ते पर धकेलने की संभावनाएं कम हुई।
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे (Lt Gen Pandey) ने सेना और आम जनता के बीच संबंधों को सुधारने का काफी प्रयास किया। कश्मीर में शांति और स्थिरता लोन के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों को देखते हुए ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी 2022 को उन्हें ह्लउत्तम युद्ध सेवा मेडलह्व से सम्मानित किया।
अपने विदाई संदेश में लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने चिनार कॉर्प की तारीफ करने हुए कहा कि जवान पूरे समर्पण के साथ कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने प्रदेश में शांति और समृद्धि लाने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, केंद्रीय बलों, नागरिक प्रशासन और समुदाय के लोगों द्वारा दिये गये सहयोग की सराहना की साथ ही राज्य के लोगों और चिनार कोर को बधाई दी।
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