भीषण गर्मी में उमड़ा आस्था का जन सैलाब
- रक्तजांच शिविर में लिए 46 लोगों के नमूने
कैथल(सच कहूँ/वर्मा)। शाह सतनाम जी राम ए शुखबू आश्रम कैथल में जिला स्तरीय नामचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारी तादात में साध-संगत मौजूद थी। जिला स्तरीय नामचर्चा का आयोजन पूण्डरी ब्लॉक ने करवाया। इस अवसर पर नामचर्चा का आगाज पावन नारा ‘धन-धन सतगुुरु तेरा ही आसरा’ लगाकर किया गया। कविराजों ने अपने भजनों व शब्दों के माध्यम से साध संगत को निहाल किया। 45 मैंबर खरैती लाल इन्सां, 15 मैंबर सुशील इन्सां, राजू भंगीदास, करनैल इन्सां, 45 मैंबर सुनीता बहन आदि ने डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई के कार्यों के बारे में समूची साध-संगत को विस्तार से बताया।
इस अवसर पर नाम चर्चा को संबोधित करते हुए पूज्य गुरू डॉ. संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमेशा ही मानवता भलाई का पाठ पढ़ाया है। जिस पर चलते हुए समूचे विश्व की साध-संगत दिन-रात मानवता भलाई के कार्य करने में निरंतर लगी हुई है। इस अवसर पर समूची साध-संगत ने एक ही स्वर में पावन नारा लगाते हुए कहा कि, उन्हें पूज्य गुरू जी पर पहले भी अटूट विश्वास था और अब भी है और मरते दम तक रहेगा। न तो उनका विश्वास पहले टूटा है और ना ही अब टूटेगा। इस अवसर पर पूण्डरी ब्लॉक के सभी जिम्मेवार, सभी भंगीदास, सभी सुजान बहनें, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर विंग के सदस्य, पूण्डरी ब्लॉक की साध-संगत सहित समूचे जिले की साध संगत उपस्थित थी।
वैक्सीन शिविर हुआ आयोजित
जिला प्रशासन कैथल की तरफ से शाह सतनाम जी राम ए खुशबू आश्रम में एक कोरोना रोधी वैक्सीन शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें भारी तादात में साध-संगत ने कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन लगवाई, जो लोग किसी कारण वश वैक्सीन नहीं लगवा पाए थे। वैक्सीन के साथ साथ बूस्टर डोज भी लगाई गई। जिसमें साध संगत ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गुरू के आदेशों का पालन किया और प्रशासन का सहयोग भी किया।
लगाया रक्त जांच शिविर
इस पावन अवसर पर आश्रम में एक रक्तजांच शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें 46 व्याक्तियों ने रक्तजांच करवाई और रक्तदान करने का भी प्रण लिया। उन्होंने यह भी कहा कि शीघ्र ही वे अब रक्तदान भी करेंगें और पूज्य गुरू जी की दी हुई शिक्षा पर चलते हुए जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान भी करेंगें।
आस्था के आगे नतमस्तक हुई भीषण गर्मी
कैथल डेरे में भीषण गर्मी के चलते भी साध-संगत में एक जूनून देखने को मिला। साध-संगत में चिलचिलाती गर्मी के चलते भी एक अनोखे जोश देखने को मिला। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों पूज्य गुरू जी ने सारी तपन को अपने हाथों में उठा रखा हो और साध संगत को ठंडी-ठंडी हवाओं का एहसास करवा रहे हैं।
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