डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप
सादुलशहर (सच कहूँ न्यूज)। सादुलशहर में मानवता को तार तार (Humanity Wired) कर देने वाला मामला सामने आया है। एक 22 वर्षीय महिला अपने पेट में पल रहे भ्रूण के कटे सर को लिए भटकती रही है। महिला व उसके परिजनों का कहना है की डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की यह हालत हुई। यह महिला कभी पुलिस स्टेशन व कभी एसडीएम आफिस के चक्कर काट रही थी।
जानकारी के अनुसार 9 फरवरी को यह महिला सादुलशहर के सरकारी अस्पताल में पेट दर्द होने पर डॉ. देवल राठोड़ के पास पहुंची व डॉ. देवल राठोड़ ने अल्ट्रासऊंड करवाया। मालिक अल्ट्रासॉऊंड केंद्र के डॉक्टर ने पेट में गाँठ होने की रिपोर्ट दी जिस पर डॉ. देवल राठोड़ ने मरीज को ऑपरेशन करवाने की बात कही और सादुलशहर में शाम के समय एमरजेंसी ओटी न होने के कारण श्रीगंगानगर जाने के लिए कहा जिस पर मरीज ने गरीबी का हवाला देते हुए कस्बे में ही इलाज की बात कही।
इस पर डॉ. देवल ने शहर में ही दो निजी अस्पतालों से बात करने के लिए कहा जहां चिरंजीवी में इलाज होता है। इस पर महिला के परिजन उसे आयुष्मान अस्पताल ले गए जहाँ उसका 12 फरवरी को आपरेशन कर दिया गया। लेकिन इसके बाद महिला को ब्लीडिंग होने लगी व बुधवार सुबह महिला के ब्लीडिंग के साथ भ्रूण का कटा हुआ सर निकला। महिला के परिजनों ने आयुष्मान अस्पताल के डाक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि महिला के गाँठ थी ही नहीं बल्कि 12 फरवरी को महिला के पेट में पल रहे बच्चे पर कैंची चला दी गई और सिर का हिस्सा पेट में रह गया जोकि आज ब्लीडिंग के साथ बाहर निकल गया।
उधर सरकारी अस्पताल की डॉ देवल राठौड़ ने कहा कि गाँठ का आपरेशन ओवरी में किया गया जबकि बच्चा बच्चेदानी में पलता है ऐसे में इस तरह की घटना का होना असम्भव है फिर भी महिला को श्रीगंगानगर अल्ट्रासऊंड के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने पर सारी स्थिति पता चल सकेगी।
वहीं कार्यवाहक एसडीएम पूनम कंवर ने कहा कि महिला शिकायत लेकर आयी है और मामले की जांच करवाई जाएगी। फिलहाल महिला को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में बोला गया है। इस मामले को लेकर पीड़ित महिला के परिजनों व डॉ. देवल राठोड़ के बीच हंगामा भी हुआ। डॉ. देवल राठोड़ ने कहा कि महिला के परिजनों ने काफी बदतमीजी की उधर महिला के परिजनों ने डॉ. देवल पर बदतमीजी के आरोप लगाए। फिलहाल महिला को श्रीगंगानगर आगे की जांच के लिए भेजा गया है।
उधर आयुष्मान अस्पताल के संचालक डॉ. अरुण गर्ग ने कुछ भी कहने से मन कर दिया और कहा कि यदि कोई उनके पास आएगा तो जांच करवा लेंगे। इस मामले में गलती चाहे किसी कि भी हो, लेकिन इस सारे मामले ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। एक महिला अपने भ्रूण का कटा हुआ सिर लेकर भयंकर गर्मी में भटकती रही और दोपहर बाद मीडिया में मामला आने के बाद उसे ईलाज नसीब हुआ। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस मामले की तह तक जाता है और पीड़ित महिला को इन्साफ मिल पायेगा या नहीं।
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