नई दिल्ली। देश में मौजूदा कोयले और बिजली संकट से निपटने के प्रयासों के तहत हरियाणा ने उन विद्युत संयंत्रों से उत्पादन को पहले की तरह बहाल करने का आश्वासन दिया है, जिनके पास पीपीए (विद्युत खरीद समझौता) है। बिजली मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इसी सिलसिले में केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने शुक्रवार की शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक की। बैठक में हरियाणा में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आवश्यक उपायों पर चर्चा की गई। इस मौके पर केन्द्रीय विद्युत राज्य मंत्री कृष्ण पाल भी उपस्थित थे।
यमुना नगर संयंत्र में 750 मेगावाट की एक नयी इकाई स्थापित करने का निर्णय
खट्टर ने आश्वस्त किया कि हरियाणा में स्थित उन विद्युत संयंत्रों से उत्पादन को अगले तीन दिनों में पहले की तरह बहाल किया जायेगा ,जिनके पास पीपीए (विद्युत खरीद समझौता) है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में कामेंग जल विद्युत संयंत्र से लगभग 300 मेगावाट बिजली के लिए हरियाणा नीपको (नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के साथ एक विद्युत खरीद समझौता करेगा। बैठक में रेलवे के माध्यम से कोयले के परिवहन पर निर्भरता कम करने के लिए हरियाणा टोलिंग विकल्प को लागू करने पर सहमत हुआ है।
मंत्रालय के मुताबिक हरियाणा ने अपने यमुना नगर संयंत्र में 750 मेगावाट की एक नयी इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विद्युत मंत्रालय हर संभव सहायता प्रदान करेगा। हरियाणा ने आगामी 15 मई तक की अवधि के लिए लगभग 500 मेगावाट बिजली आवंटित करने तथाझारखंड में अपने कैप्टिव कोयला ब्लॉक के जल्द अन्वेषण में सहायता के लिए भी अनुरोध किया। केंद्रीय विद्युत मंत्री ने बिजली आवंटन के मुद्दे पर विचार करने तथा शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं संबंधित मामले को कोयला मंत्रालय के सामने रखने का आश्वासन दिया।
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