पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को दिया श्रेय
- एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड और इंटरनेशनल बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ पिता-पुत्र का नाम
- 22 अलग-अलग कैंपेन चलाकर लोगों को कोविड-19 से बचाव को लेकर किया जागरूक
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मानवता भलाई के नए-नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। इसी क्रम में सरसा निवासी लवकेश इन्सां और उनके नन्हे बेटे शौर्य इन्सां ने भीषण कोविड काल में हरियाणा और पंजाब में 22 अलग-अलग कैंपेन चलाकर न सिर्फ लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया बल्कि मास्क बांटकर उनके अनमोल जीवन को भी बचाया। उनके इस प्रयास के चलते दोनों पिता-पुत्र के नाम कोरोना काल में सर्वाधिक कैंपेन के लिए इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में एक महीने तक मास्क वितरण, सात फीट की दूरी रखने और वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के कैंपेन चलाने के लिए इंटरनेशनल बुक आॅफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ।
जानकारी के अनुसार पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 7वें रूहानी पत्र के माध्यम से 137वें मानवता भलाई कार्य के रूप में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत से आह्वान किया था कि ‘‘मास्क लगाएंगे, लगवाएंगे व जरूरतमंदों को फ्री में मास्क देंगे व 7 फुट की दूरी बनाके रखेंगे।’’ पूज्य गुरु जी के वचनों पर अमल करते हुए लवकेश इन्सां ने लोगों को कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए अपने नए मकान, आॅफिस और कार पर कोरोना से बचाव संबंधी बैनर लगाकर, हेल्मेट पर स्लोगन लिखवाने सहित 22 तरह के अलग-अलग कैंपेन चलाए और लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए जागरूक किया। इस सराहनीय अभियान में लवकेश इन्सां के बेटे शौर्य इन्सां का भी भरपूर साथ रहा। सैंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल, सरसा के छात्र शौर्य इन्सां ने न सिर्फ लोगों को कोरोना से बचाव संबंधी जागरूक किया बल्कि स्वयं मास्क भी बांटे। नन्हें से बच्चे को उस भयावह दौर में ये कार्य करते देख हर कोई हैरान हो जाता था।
इसके अलावा दोनों पिता-पुत्र ने बसंत पंचमी पर विभिन्न स्थानों पर बड़ी-बड़ी पतंगों पर कोरोना से बचाव संबंधी स्लोगन लिखवाकर लोगों को जागरूक किया। लवकेश इन्सां और शौर्य इन्सां का ये बेहतरीन कार्य इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ और इस तरह इन पिता-पुत्र के नाम मानवता भलाई कार्य करते हुए तीन रिकार्ड दर्ज हुए। लवकेश इन्सां ने बताया कि ये सब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं की बदौलत ही संभव हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उस भयावह दौर में बच्चे के साथ घर से बाहर निकलते हुए डर नहीं लगा, तो उन्होंने कहा कि हमें ऐसा महसूस होता था, मानों पूज्य गुरु जी हर पल हमारे साथ हैं।
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