सच कहूँ/गुरतेज जोशी, मलेरकोटला/संगरूर। नवाबी शहर मलेरकोटला में ट्रैफिक समस्या (Traffic Problem) के चलते लोगों में परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, शहर के बाजारों में गलत पार्किंग के चलते जहां लंबे जाम देखने में आते हैं, वहीं ही स्कूलों की छुट्टी के समय प्रतिदिन ही लगते जामों के कारण आम जनता परेशान हो चुकी है, अलग-अलग बाजारों में दुकानदारों द्वारा किये अवैध कब्जों के कारण ट्रैफिक समस्या आए दिन गंभीर होती जा रही है।
पुलिस की तरफ से शहर के मुख्य बाजारों को जाने वाले सभी रास्तों पर ‘नौ पार्किंग और नौ एंट्री’ वाले बोर्ड लगने के बावजूद जहां भारी वाहन, रेहड़े और अन्य चौपहिया गाड़ियां सरेआम घूम रही हैं, वहीं नौ पार्किंग बोर्डों के आगे लोग अपने वाहन खड़े कर पुलिस प्रबंधों को मुँह चिढ़ाते हुए सरेआम कानून के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्थानीय दिल्ली गेट में मौजूद बैंकों और उर्दू अकैडमी के आगे पार्किंग बेढंगी होने के कारण आम जनता की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं।
इसी कड़ी में स्थानीय सरहन्दी गेट पीपल वाला चौंक, में आम जनता ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चे भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, वहीं किसी भी समय किसी असुखद घटना के घटने का अंदेशा सदा बना रहता है। परन्तु जिला मलेरकोटला की ट्रैफिक पुलिस कहीं भी नजर नहीं आती।
क्या कहना है समाज सेवियों का
शहर के प्रसिद्ध समाज सेवी और गणमान्यजन शफीक चौहान और केसर सिंह भुुल्लर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा बेशक समय -समय पर स्कूलों-कॉलेजों में सैमीनार लगाकर लोगों को ट्रैफिक नियमों की पालना करने संबंधी प्रेरित किया जाता है परन्तु वास्तव में लोगों की तरफ से ट्रैफिक नियमों की सही ढंग से पालना नहीं की जाती और न ही उनकी तरफ से ट्रैफिक पुलिस को पूर्ण तौर पर सहयोग दिया जाता। जिस कारण आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक ऐसा मसला है, जो ध्यान की मांग करता है परन्तु दुख की बात यह है कि समाज का दृष्टिकोण इस प्रति बहुत तंग है। सड़क सुरक्षा के मद्देनजर सरकार की ओर से बनाऐ नियमों को अपनाना हम सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि सरकारी नियमों के अनुसार 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति का लाईसेंस नहीं बनता, जबकि यहां छोटे बच्चे भी मोटरसाईकल, कारें, थी-व्हीलर आॅटो और ट्रैक्टर आदि हवा की रफ़्तार की तरह शहर की सड़का पर उड़ाए घूमते नजर आते हैं। यह बच्चे खुद मुसीबत के साथ-साथ दूसरों को भी सड़क हादसों का शिकार बना सकते हैं।
सड़कों पर किये अवैध कब्जों को हटाने में नगर कौंसिल फैल
बाजारों में दुकानदारों ने अपनी, दुकानों के आगे टेबल पर सामान आदि रख कर या दुकानों के अगले सड़क वाले हिस्से रेहड़ियों या अन्य कारोबारियों को किराये पर देकर 10 -10 फुट सड़कें रोक रखी हैं। उससे आगे ग्राहकों की ओर से लगाए जाते बेढंगे वाहनों के कारण ट्रैफिक जाम होकर रह जाता है। बाजारों में इन अवैध कब्जों को हटाने में नगर कौंसिल भी आज तक फैल ही साबित हुई है।
उल्लेखनीय है कि अगर किसी दिन नगर कौंसिल अमला इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए बाजारों में निकलता भी है तो उसकी सूचना बाजार के दुकानदारों को पहले ही मिल जाती है और दुकानदार अपना सामान उठाकर अंदर कर लेते हैं परन्तु जैसे ही कौंसिल अमला वापिस जाता है। खुद को हाईटेक कहने का दावा करने वाली ट्रैफिक पुलिस जहां दो पहिया वाहनों के चालान काटने में ही कथित व्यस्त रहती है, वहीं इसके उलट शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में ट्रैफिक समस्या भयानक रूप धारण करती जा रही है।
ट्रैफिक पुलिस की ओर से ज्यादातर कर्मियों की तैनाती मुख्य सड़कों और चौकों में की हुई है जबकि शहर के अंदरूनी इलाके जहां ट्रैफिक कर्मियों की ज्यादा जरूरत है, वहां ट्रैफिक कर्मचारी दिखाई ही नहीं देते। ट्रैफिक पुलिस में चाहे फोर्स की कमी होने का उच्च आधिकारियों को भी पता है परन्तु इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता। अब देखना है कि नये आए एसएसपी अलका मीना शहर का दौरा कर कर ट्रैफिक समस्या का हल करन में सफल होते हैं या नहीं।
क्या कहना है ट्रैफिक इंचार्ज का
ट्रैफिक इंचार्ज सब इंस्पेक्टर करनजीत सिंह जेजी ने कहा कि वह खुद ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए प्रतिदिन ही बाजारों में गश्त करते हैं और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान आदि भी काटे जाते हैं। उन्होंने शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सख़्त कदम उठाए जाने की बात करते कहा कि नौ एंट्री वाले क्षेत्रों में दाखिल होने वाले भारी वाहनों पर जहां सख़्ती से शिकंजा कसा जायेगा, वहीं जो वाहन नौ पार्किंग में खड़े पाए गए।
उनके खिलाफ भी सख़्त कार्रवाई करते हुए जुर्माने किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर दुकानदारों द्वारा किये अवैध कब्जों को खत्म कराने के लिए जल्द ही नगर कौंसिल के साथ मिल कर एक मुहिम शुरू की जाएगी, जिस दौरान सड़कों पर पड़ा सामान जब्त कर फिर वापिस नहीं किया जाएगा।
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