रूहानी रंग में रंगा नजर आया स्टैच्यू सर्किल स्थित रायल हवेली
- पक्षी उद्धार मुहिम के तहत 629 परिंडे, 229 जरूरतमंदों को महीनेभर का राशन, बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें और महिलाओं को दी सिलाई मशीनें
- भीषण गर्मी के बावजूद उमड़े साध संगत के जनसैलाब ने तोड़े सारे रिकार्ड
- पारंपरिक वेशभूषा में नाचते गाते नाम चर्चा पंडाल में पहुंची साध संगत
जयपुर, 24 अप्रैल (सुनील वर्मा/लखजीत इन्सां)। शहर के स्टैच्यू सर्किल स्थित रायल हवेली में मनाए गए डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह के पावन भंडारे पर साध संगत में अनंत, अथाह, आस्था का परिदृश्य देखने को मिला। भीषण गर्मी में रूहानी ठंडक की फुहारे लेने के लिए लाखों की तादाद में साध संगत नाम चर्चा पंडाल में पहुंची। राजस्थान के जयपुर जोन की साध संगत द्वारा मनाए गए पावन भंडारे के दौरान मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार देते हुए डेरा सच्चा सौदा की पक्षी उद्धार मुहिम के तहत 629 मिट्टी के सकोरे (परिंडे), 229 परिवारों को एक-एक महीने का राशन बांटा गया। इसके अलावा 7 बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें व आत्मसम्मान मुहिम के तहत महिलाओं को स्वरोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें वितरित की गई। वही इस पावन दिन की खुशी में राजस्थान की साध संगत अपने पारंपरिक वेशभूषा में ढोल की थाप पर राजस्थानी संस्कृति के रंग में कठपुतली बन नाचते गाते हुये नाम चर्चा पंडाल में पहुंची। नाम चर्चा के दौरान उपस्थित साध संगत ने दोनों हाथ खड़े कर 138 मानवता भलाई कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया।
जयपुर के स्टैच्यू सर्किल स्थित रोयल हवेली में दोपहर 12 से 2 तक आयोजित हुई पावन भंडारें की नाम चर्चा की शुरुआत धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा का पावन व इलाही नारा लगाकर किया गया। इसके पश्चात कविराजों ने नूरे जलाल है छा गया सतगुरु प्यारा आ गया…. सहित अनेक सुंदर-सुंदर भजनों के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया गया। शब्दवाणी के पश्चात नाम चर्चा पंडाल में लगाई गई 5 बड़ी एलइडी स्क्रीनो पर पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिंग अनमोल वचनों को चलाया गया। जिसे उपस्थित साध संगत ने एकाग्रचित्त होकर सुना। नाम चर्चा के दौरान उपस्थित साध संगत को रूहानी स्थापना माह की बधाई देते हुए 45 मेंबर रणजीत सिंह व सम्पूर्ण सिंह इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरु जी के दिशा निर्देशन में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मानवता उद्धार के 138 कार्य कर रही है।
इन कार्यों में रक्तदान, पौधारोपण, जरूरतमंदों को राशन देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना, गुर्दा पक्षी उद्धार मुहिम के तहत बेजुबान पक्षियों के लिए चोगा पानी का प्रबंध करना सहित अनेक कार्य शामिल है। चर्चा के दौरान उपस्थित साध संगत को गर्मी के मौसम के मद्देनजर अधिक से अधिक जरूरतमंद मरीज़ों के लिए रक्तदान करने का भी आह्वान किया गया। वहीं डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेदारों ने कोरोना महामारी की संभावित लहर को देखते हुए महामारी को हराने के लिए कोरोना योद्धाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया तथा साथ में लोगों को मास्क बांटने व गांव शहरों को सैनिटाइज करने की भी अपील की। वहीं गर्मी के मौसम में पक्षी उद्धार मुहिम के तहत बेजुबान पक्षियों की सुध लेते हुए अधिक से अधिक परिंडे लगाने का भी साध संगत ने संकल्प लिया। अंत में पूज्य गुरु जी द्वारा भेजी गई 9वीं रूहानी चिट्ठी पढ़कर सुनाई गई। जिसे सुनकर साध संगत की आंखें श्रद्धा में नम हो गई।
साध संगत की श्रद्धा के आगे छोटे पड़े पंडाल
नाम चर्चा में पहुंची भारी साध संगत के आगे डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन द्वारा किए गए सभी प्रबंध छोटे पड़ गये। नाम चर्चा पंडाल खचाखच भरने के पश्चात साध संगत को बाहर अलग से पंडाल बनाकर बैठाया गया। जहां तक नजर जा रही थी वहां तक साध संगत ही साध संगत ही नजर आ रही थी। गर्मी के मौसम में साध संगत की सुविधा के लिए हाथ वाले पंखों से हवा देनी की व्यवस्था की गई।
कठपुतली बन नाची साध संगत
नाम चर्चा में साथ संगत का जोश व उत्साह देखते ही बन रहा था। नाम चर्चा पंडाल के मुख्य द्वार से ही साध संगत अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नाचते गाते हुए व खुशी मनाते हुए नाम चर्चा पंडाल में पहुंची। राजस्थान संस्कृति से जुड़े सेवादारों ने लॉक गायन की शैली को शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया तो साध संगत कठपुतली की धुन पर नाच उठी। साध संगत ने कहा कि वह पूज्य गुरु जी व डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन के आभारी हैं। जिन्होंने जयपुर जोन में रूहानी स्थापना माह का पावन भंडारा मनाने की सौगात उन्हें बख्शी हैं।
साध संगत ने उठाया स्वास्थ्य लाभ
डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस के उपलक्ष में नन्ना फरिश्ता द्वारा लगाए गए चेकअप कैंप का साथ संगत ने लाभ उठाया। इस दौरान नन्ना फरिश्ता के साथ आए चिकित्सकों ने संगत के स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें जरूरत के अनुसार दवाइयां उपलब्ध करवाई।
29 अप्रैल 1948 को हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
आपको बता दे कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अपै्रल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग कर लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत के मार्ग पर चलाया और पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यो को करने में जुटे हुए हैं। इन लोक भलाई के कार्यो में गरीब बच्चों को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार देना, महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई मशीने देना, रक्तदान, शरीरदान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना इत्यादि शामिल है।
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