पावन भंडारे में भारी तादाद में पहुंच रही साध-संगत
- सड़कों पर दूर-दूर तक नजर आ रहा डेरा श्रद्धालुओं का हुजूम
- मानवता भलाई कार्यों को दी जाएगी नई रफ्तार
शहीद भगत सिंह नगर (सच कहूँ/रविन्द्र रियाज)।
डेरा सच्चा सौदा के 74 वें स्थापना दिवस व जाम ए इन्सां गुरु का को समर्पित पंजाब प्रांत के दुआबा की साध-संगत द्वारा ब्लॉक अपरा जालंधर के गाँव रायपुर अराइयाँ में पावन भंडारा हर्षोउल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया गया। पावन भंडारे में दुआबा कई साध-संगत का जन सैलाब जालंधर के नामचर्चा घर मे आ उमड़ा। जिम्मेवारों द्वारा साध-संगत के लिए किए गए सारे प्रबंध छोटे दिखाई दिए।साध-संगत के लिए जो पंडाल बनाया गया था वो नामचर्चा शुरू होने से पहले सुबह 10 बजे ही खचा खच भर गए थे। साध-संगत की बड़ी संख्या को देखते हुए नामचर्चा घर की पिछली दीवार तोड़कर पीछे पंडाल बनाया गया जो वो भी साध-संगत के प्यार आगे फीके दिखाई दिए। नामचर्चा में आइ हुई साध-संगत को बड़ी बड़ी स्क्रीनों पर पूज्य गुरु जी के इलाही वचन सुनाए गए जिसे साध-संगत ने बड़ी एकाग्रता व श्रद्धा से श्रवण किया। भीषण गर्मी को देखते हुए जिम्मेवारों द्वारा साध-संगत के लिए हर तरह के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इस दौरान नामचर्चा की समाप्ति के बाद साध-संगत को लंगर व प्रशाद वितरित किया गया। नामचर्चा के आखिर में जिम्मेवारों द्वारा साध-संगत को संबोधित किया गया जिसमें साध-संगत को पूज्य गुरु जी द्वारा बताए गए 138 मानवता भलाई को कार्यों को बढ़ चढ़ कर करने के लिए प्रेरित किया गया। वहीं साध-संगत ने अपने दोनों हाथ खड़े कर डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे भलाई कार्यों को बढ़ चढ़ करने का प्रण लिया।
पावन भंडारे की समाप्ति के बाद जिम्मेवारों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की साध-संगत की सुविधा के लिए 1300 सेवादारों की ड्यूटीयां लगाई थी लेकिन साध-संगत के प्यार आगे सब प्रबंध छोटे पड़ गए।उन्होंने बताया की हमें इतनी उम्मीद नहीं थी साध-संगत इतनी बड़ी संख्या में जालंधर भंडारे में शिरकत करेगी लेकिन पूज्य गुरु जी की रहमत से साध-संगत ने बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ पावन भंडारे का आनंद लिया। वहीं आगे उन्होंने बताया कि समाप्ति पर 29 जरूरतमंद बच्चों को खाद्य सामग्री की किटें वितरीत की साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए पक्षीउद्धार मुहिम के तहत पक्षियों के लिए पानी रखने के लिए कसोरे वितरित किए गए।
16साल बाद जालंधर में हुआ भंडारे का आयोजन
आपको बतादें की दुआबा की धरती पर 16 साल बाद पूज्य गुरु जी की आपार रहमत से रायपुर राइयाँ स्थित नामचर्चा घर में स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पावन भंडारे का आयोजन किया गया । इससे पहले 2006 में पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जालंधर की धरती पर रूहानी सत्संग फरमाया था उसके बाद आज की तारीख में 16 साल बाद बड़ा आयोजन किया गया जिसे साध-संगत ने बड़े धूमधाम से मनाया। इस दौरन भीषण गर्मी के बावजूद साध-संगत का पूज्य गुरु जी के प्रति प्यार देखते ही बनता था सुबह 10 बजे से लेकर 1 बजे तक साध-संगत ने पूरी एकाग्रता से भंडारे को श्रवण किया।
साध-संगत पंजाब की पारंपरिक वेशभूषा में लोक नृत्य करते हुए पहुंच रही है। सड़क पर जहां तक नजर पहुंच रही है साध-संगत का हुजूम ही हुजूम नजर आ रहा है। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते साध-संगत की ओर से जरूरतमंद बच्चों को फलों और पौष्टिक खाद्य सामग्री की किटें, जरूरतमंदों को राशन और भीषण गर्मी में भूख प्यास से व्याकुल पक्षियों के लिए दाना-पानी के कसोरे वितरित किए जाएंगे। इसके साथ ही पेयजल, लंगर भोजन और ट्रैफिक सहित सभी व्यवस्थाएं बनाई जा चुकी हैं।
29 अप्रैल 1948 को हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
आपको बता दे कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अपै्रल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग कर लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत के मार्ग पर चलाया और पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यो को करने में जुटे हुए हैं। इन लोक भलाई के कार्यो में गरीब बच्चों को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार देना, महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई मशीने देना, रक्तदान, शरीरदान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना इत्यादि शामिल है।
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