अलवर (एजेंसी)। राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का बाघ अभयारण्य के एनक्लोजर में करीब डेढ़ साल से बंद घायल बाघ एसटी 6 की सोमवार रात को मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघ बूढ़ा हो गया था। जिसे 23 फरवरी 2011 को केवलादेव भरतपुर से अलवर लाया गया था। जिसकी करीब 16 साल की उम्र में मौत हुई है। पहले एसटी 4 और एसटी 6 के झगड़े के बाद टाइगर एसटी 4 की मौत हो गई थी। लेकिन बाद में एसटी 6 के पीठ पर घाव हो गए थे। मंगलवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर उसकी मौत की पुष्टि हुई । बीमारी के कारण बाघ 3 दिन से भूखा बताया और खाना नहीं खा रहा था हालांकि सरिस्का प्रशासन की तरफ से उसके खाने पीने की व्यवस्था की जाती थी। सरिस्का प्रशासन के मुताबिक बाघ की पूंछ के ऊपर घाव था।
जिसका लंबे समय तक इलाज चल रहा था। डॉक्टर के इलाज के बाद बाघ ठीक हो गया लेकिन उसके बाद उसके शरीर में कई अन्य परेशानियां होने लगीं एसटी 6 के परीक्षण के लिए कई बार एनटीसीए और डब्लूआईआई देहरादून की टीम भी सरिस्का पहुंची थी। उसका इलाज कर बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जब टाइगर की हालत नाजुक होती गई तो उसे नवम्बर 2020 से एनक्लॉजर में रखा गया था। अलवर के सरिस्का बाघ अभ्यारण्य में सात बाघ, 11 बाघिन एवं सात शावक सहित सरिस्का में 25 टाइगर हैं।
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