भारी तादाद में पहुंची साध-संगत, छोटा पड़ गया नामचर्चा स्थल
- 629 जरूरतमंद परिवारों को राशन, पक्षियों के लिए 729 पानी के कसोरे, 129 गरीब व अनाथ बच्चों को फ्रूट किटें व तीन दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिलें की वितरित
नई दिल्ली(सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा रूहानी स्थापना माह की खुशी में दिल्ली की साध-संगत ने साइट नं. 1 रिकरेशनल कॉम्लेक्स, तुगलकाबाद में पावन भंडारा धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर भारी तादाद में उमड़ी साध-संगत के चलते नामचर्चा स्थल छोटा पड़ गया और पंडाल में कहीं पांव रखने तक की जगह नहीं थी। पावन भंडारे की खुशी में साध-संगत ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए 629 जरूरतमंद परिवारों को एक-एक माह का राशन, पक्षियों के लिए 729 पानी के कसोरे, 129 गरीब व अनाथ बच्चों को फ्रुट किटें व तीन दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिलें दी गर्इं।
सुबह 11 बजे पवित्र नारा धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के साथ नामचर्चा का आगाज हुआ। इसके बाद साध-संगत ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु जी की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर भारी तादाद में पहुंची साध-संगत को संबोधित करते हुए जिम्मेवार सेवादारों ने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमेशा समाज का भला किया है और साध-संगत को भी ऐसा करने की सीख दी है, जिस पर चलते हुए साध-संगत लगातार मानवता भलाई के 138 कार्य कर रही है। इसी दौरान जिम्मेवारों के साथ साध-संगत ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर पूज्य गुरु जी पर दृढ़ विश्वास और आस्था व्यक्त करते हुए मानवता भलाई के कारवां को और तेजी से आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।
29 अप्रैल 1948 को बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने की थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। आप जी ने लोगों को गुरु मंत्र दे कर मानवता भलाई कार्यों पर चलने का रास्ता बताया। इनके पश्चात दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग किये और लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत की राह पर चलाया और अब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यों में जुटे हुए हैं।
जिनमें 29 अप्रैल 2007 को पूज्य गुरु जी ने रूहानी जाम की शुरूआत कर मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया। 138 मानवता भलाई कार्यो में रक्तदान, शरीर दान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना, राशन वितरण, नेत्रदान, लोगों का नशा छुड़वाना, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का नि:शुल्क इलाज करवाना, निशक्त जनों को सहारा देने के लिए ट्राई साइकिल देना सहित अनेक कार्य शामिल हैं।
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