बरनाला (जसवीर गहल)। अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही बरनाला का गुरजोत इस दुनिया को छोड़ गया। उसके बहादुर परिवार ने हौसला दिखाया और बच्चे के अंग पीजीआई को डोनेट कर दिए। मासूम गुरजोत मरने के बाद भी चार अंग दान कर तीन जिंदगियां रोशन कर गया। गुरजोत के पिता हरदीप सिंह के अनुसार, वह क्या सोच कर बैठे थे, मगर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। कौन जानता था कि गुरजोत अपना पांचवा जन्मदिन भी नहीं मना पाएगा। कुछ भी गुरजोत की कमी को पूरा नहीं कर सकता।
बरनाला के रहने वाले परिवार के हौसले को पीजीआई ने भी सेल्यूट किया है। पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. सुरजीत सिंह ने कहा कि किसी भी परिवार के लिए यह घड़ी काफी दुख भरी होती है। फिर भी गुरजोत के परिवार ने हिम्मत दिखाई और तीन मरीजों को जिंदगी का तोहफा दिया। गुरजोत के चार अंग तीन मरीजों को लगाए गए हैं। इनमें से एक मरीज दिल्ली के आईएलबीएस में भर्ती है। उसे गुरजोत का लीवर लगाया गया है। दिल्ली तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस काम को अंजाम दिया गया। पुलिस प्रशासन के सहयोग से समय रहते सड़क के माध्यम से लीवर को दिल्ली अस्पताल पहुंचाया गया और ट्रांसप्लांट किया गया। वहीं गुरजोत की किडनियां और पैंक्रियाज पीजीआई में ही दो मरीजों को लगाए गए हैं।
बच्चा खेल रहा था और ऊंचाई से नीचे गिर गया
गुरजोत के पिता हरदीप सिंह ने बताया कि 2 अप्रैल का दिन उनकी जिंदगी में दुखों का पहाड़ बन कर आया। रोज की तरह गुरजोत खेल रहा था। तभी वह अचानक संतुलन खो बैठा और ऊंचाई से गिर गया। इसके बाद वह अचेत हो गया। परिवार उसे तुरंत बरनाला के सिविल अस्पताल में लेकर गया। यहां से उसे पीजीआई रैफर कर दिया गया। लगभग एक सप्ताह तक गुरजोत मौत से लड़ता रहा। सिर में गंभीर चोट के कारण उसे डॉक्टरों ने 9 अप्रैल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद पीजीआई ने दुखी परिवार से किसी तरह अंगदान की प्रार्थना की। परिवार ने हिम्मत दिखाई और राजी हो गया।
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