नहीं हुआ शून्यकाल और प्रश्नकाल
नई दिल्ली (एजेंसी)। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई और पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि को लेकर भारी हंगामा किया, जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। पहले स्थगन के बाद 12 बजे पीठासीन अधिकारी डॉ. सस्मित पात्रा ने सदन में प्रश्नकाल शुरू करने के लिए संबंधित सदस्य का नाम पुकारा तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे और अपने सीटों पर खड़े हो गए। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नारे लगाते हुए सभापति के आसन के समक्ष आ गये। पात्रा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण समय है और महत्वपूर्ण कामकाज चल रहा है। सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाना चाहिए, लेकिन विपक्षी सदस्य शोरगुल करते रहे।
पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने की बार-बार अपील की, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। स्थिति को देखते हुए उन्होंने 12 बजे कर चार मिनट पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले शून्यकाल में भी विपक्षी दलों के सदस्यों ने इन्हीं मुद्दों पर हंगामा किया था जिससे कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम और कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल तथा कुछ अन्य सदस्यों के नियम 267 के तहत पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि पर चर्चा कराने के नोटिस को अस्वीकार कर दिया गया है। इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कई अन्य दलों के सदस्य मूल्य वृद्धि पर चर्चा कराने को लेकर अपनी सीट से जोर-जोर से बोलने लगे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।