श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)।जिला कलेक्टर श्रीमती रुकमणी रियार आज दोपहर अधिकारियों व कर्मचारियों को साथ लेकर अचानक ही केंद्रीय बस अड्डा परिसर में पहुंची। उन्होंने अनायास ही एक बुजुर्ग महिला और बच्चों को लिए हुए 2-3 महिला यात्रियों से बातचीत की। जिला कलेक्टर ने एक बुजुर्ग महिला का हालचाल पूछा। महिला के साथ 14-15 वर्ष की उसकी पोती भी थी। पूछने पर महिला ने बताया कि अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि यह मेरी पोती है। कलेक्टर ने पूछा क्या यह पढ़ती है? महिला ने बताया कि पांचवी के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वह पोती को आगे नहीं पढ़ा पाई।दो-तीन वर्ष हो गए हैं उसे स्कूल छोड़े। कारण पूछने पर महिला ने बताया कि उसका पुत्र क्षय रोग से पीड़ित है।बीमार बेटे को छोड़कर पुत्रवधू अपने दोनों बेटों के साथ चली गई।अपनी बेटी यानी उसकी पोती को उसी के पास छोड़ गई। वह बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का गुजारा कर रही है। ऐसे में बेटी को कैसे पढ़ाएं! पंजाबी में इस बुजुर्ग महिला से बातचीत करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा- माता फिकर ना करो,त्वाडी पोती नूं सरकार पढ़ाएगी।
तुसी मैनूं जल्दी ही मेरे दफ्तर से आकर मिलना । बच्ची दी पढ़ाई वास्ते जो बन पाएगा, करांगे। बढ़िया सरकारी स्कूल च पढावेंगे। ऐस नूं सरकारी हॉस्टल च रखांगे। जिला कलेक्टर ने महिला से कहा कि वह अपनी पोती को बढ़ाएं जरूर। उन्होंने बुजुर्ग महिला के साथ गांव से आई हुई दो-तीन अन्य महिला यात्रियों से भी बातचीत की। इन महिलाओं को बाद में लोगों ने बताया कि उनसे बातचीत करने वाली युवती जिले की कलेक्टर है। यह महिलाएं बड़ी अभिभूत और हैरान हुर्इं। सीमावर्ती गांव सुजावलपुर की बुजुर्ग महिला जसपाल कौर ने बाद में बताया कि वह अभी तो किसी काम से पोती को लेकर कहीं बाहर जा रही है।वापस आकर जल्दी ही जिला कलेक्टर से मिलेगी, ताकि पोती की पढ़ाई आगे जारी रह सके। पोती मंजू ने भी कहा वह आगे पढ़ना चाहती है।
निर्माणाधीन फीडिंग रूम का अवलोकन
जिला कलेक्टर रुकमणी के साथ नगर विकास न्यास के सचिव डॉ हरीतिमा और अधिशासी अभियंता मंगत सेतिया और अन्य अधिकारी भी थे। जिला कलेक्टर ने केंद्रीय बस अड्डा बिल्डिंग में निर्माणाधीन फीडिंग रूम का अवलोकन किया। उसमें लगाई जा रही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को देखा।अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह रूम बहुत बढ़िया तरीके से बनना चाहिए। इसमें हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। अधिशासी अभियंता मंगतराम सेतिया ने बताया कि बस अड्डा परिसर में नवजात और दूधमुंहे बच्चों को लेकर आने वाली महिला यात्रियों के लिए यह रूम बनाया जा रहा है ताकि वे एक अलग कक्ष में अपने बच्चों को स्तनपान करवा सकें। याद रहे कि इसी प्रकार का ब्रैस्ट फीडिंग रूम रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में भी बना हुआ है।
बिल्डिंग की मरम्मत करवाने को कहा
जिला कलेक्टर ने बस अड्डा बिल्डिंग का अवलोकन किया। काउंटर से रवाना होने वाली बसों के बारे में जानकारी ली। नगर विकास न्यास की सचिव डॉ. हरितमा ने अड्डा भवन की बिल्डिंग की आवश्यक मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। रोडवेज अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि बिल्डिंग की छत मरम्मत करवाने की जरूरत है। इसके एक दो कक्षों में पानी टपकता है। ऊपर पानी की टंकियां रखी हुई हैं।वहां कहीं से लीकेज हो रहा है। सचिव ने अधीनस्थ अधिकारियों को यह मरम्मत जल्दी ही करवाने के निर्देश दिए।
इंदिरा रसोई घर का निरीक्षण
जिला कलेक्टर और साथ आए अधिकारियों ने बस अड्डा परिसर में रियायती दर से भोजन उपलब्ध करवाने वाली इंदिरा रसोई का भी अवलोकन किया।उन्होंने इस रसोई में परोसे जा रहे भोजन की स्वादिष्टति और पौष्टिकता को भी चखा। जिला कलेक्टर और साथ ही अधिकारियों ने भोजन की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया।रसोईघर के संचालकों को साफ सफाई रखने के निर्देश दिए।
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