राज्यसभा में कश्मीरी पंड़ितों का मामला उठा
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों ने महंगाई को लेकर बुधवार को भारी हंगामा किया जिसके कारण अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि बाद में कार्यवाही निरंतर चलती रही। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बिरला ने शहीद दिवस पर देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले महान देशभक्तों को सदन की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित विपक्ष के सभी सदस्यों ने महांगाई को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी दलों के सदस्यों कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये और सरकार के खिलाफ के नारेबाजी करने लगे। कई सदस्यों ने हाथ में तख्तियां ली थीं जिनमें ‘गैस सिलेंडर के दाम 1000 रुपए, जनता की रोजी रोटी पर प्रहार, घरेलू सिलेंडर की कीमतें बेकाबू‘ आदि नारे लिखे थे। सदस्यों ने इस दौरान जमकर हंगामा किया और सरकार के विरोध में नारे लगाए। गौरतलब हैं कि दो दिन से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं राज्यसभा में सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों पर हिंसात्मक मामला राज्यसभा में उठाया गया।
फारूक सरकार में शुरू हुई थी कश्मीरी पंडितों पर हिंसात्मक कार्रवाई: सीतारमण
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने के लिए कांग्रेस की कड़ी निंदा करते हुये आज कहा कि इसके कारण जम्मू कश्मीर वैश्विक मुद्दा बन गया। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी 1989 में उस समय कश्मीरी पंडितों के विरूद्ध हिंसात्मक गतिविधियां शुरू हुयी थी जब कांग्रेस के सहयोग से नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे। श्रीमती सीतारमण ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के वर्ष 2022-23 के बजट और विनियोग विधेयकों पर हुयी चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि बजट पर कम और ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर अधिक चर्चा हुई है। इसलिए उनको इसका भी जबाव देना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित नेशनल कांफ्रेंस की सरकार 1986 से 1990 तक रही।
स्कूल खुलने के बाद मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए: सोनिया
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से अपील कि है कि कोरोना के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके। बुधवार को श्रीमती गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि महामारी शुरू होने के बाद स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूल सबसे पहले बंद हुए और सबसे आखिर में खुले। इस दौरान मध्याह्न भोजन बंद हो गया था। उन्होंने कहा कि सूखा राशन बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है। इन बच्चों के परिवारों को आजीविका के संकट का सामना करना पड़ा है और अब बच्चे स्कूलों में जाना शुरू हो गए रहे हैं तो उन्हें और बेहतर पोषण की आवश्यकता है। श्रीमती गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि बच्चों को स्कूल में गर्म और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना तुरंत आरंभ किया जाए।
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