सच कहूँ/राहुल पाल, असंध। अपने गायकी के हुनर से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाली असन्ध की ममता बिड़लान (Mamta Birlan) संगीत के क्षेत्र में अपना वर्चस्व लगातार बढ़ाती जा रही है। उनकी गायकी के लिए उन्हें बहुत से मंचो से अवार्ड के रूप मे प्रोत्साहन तो मिल ही चुका है, लेकिन गायिका के रूप में अपने आपको और निखारने के लिए अभी ममता बिड़लान संघर्षरत है। असंध के वार्ड संख्या 1 में रहने ममता को 8वीं कक्षा से ही गायकी का शौक चढ़ा और इसी क्षेत्र मे अपने भविष्य के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है।
अपने स्कूल समय मे 15 अगस्त के अवसर पर पहली बार गाया मंच से गायन प्रस्तुति दी और स्कूल प्रशासन की ओर से मिले प्रोत्साहन ने ममता के जज्बे को और बढ़ाने का काम किया। कही से संगीत-विद्या लिए बिना ही वह गायन के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को लगातार बेहतर से बेहतरीन करती जा रही ममता (Mamta Birlan) अपनी इस प्रतिभा को प्रकृति का उपहार मानती है, क्योंकि बिना किसी प्रशिक्षण के किसी क्षेत्र में आगे तक जाना अपने आप में अजूबे से कम नही है। अभी तक, परंतु वह अपनी गायकी को और भी बेहतर से बेहतरीन बनाना चाहती है।
सूफी गायन से बहुत लगाव: ममता
अब तक ममता कलकत्ता, जयपुर सहित हरियाणा के अनेको कॉलेज में यूथ फेस्टिवल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है। उन्होंने अपनी बीए भी म्यूजिक विषय से ही पूरी की है। ममता बिड़लान ने बताया कि उन्हें सूफी गायन से बहुत लगाव है। उन्हें सूफियाना गायकी बहुत पसंद है। पंजाबी एवं बॉलीवुड फिल्मों के गायक हंसराज हंस की सूफियाना गायकी उन्हें बहुत अधिक पसंद है। इसके अलावा कैलास खेर और सुखविंद्र सिंह भी गजब के सिंगर है। वह जसपिंदर नरूला, ऋचा शर्मा, नूरजहां और लता के गाने भी बहुत सुनती है। ऋचा शर्मा उनकी रोलमॉडल एवं आदर्श है।
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