एक दिन मेरा छोटा भाई राकेश किसी कार्यवश तेरावास में पूजनीय परम पिता जी से मिला। पूजनीय परम पिता जी ने राकेश को कहा, ‘‘बेटा, राजेश को बोलना कि उसके लिए एक अच्छा रिश्ता ढूंढ रखा है।’’ उन्हीं दिनों पूजनीय परम पिता जी ने मेरे पापा श्री पुरूषोत्तम लाल धवन को वचन किए, ‘‘राजेश की तो एमएससी पूरी होने से पहले ही नौकरी लग जाएगी।’’ मैं पूजनीय परम पिता जी के इन वचनों पर हैरान था। मैंने तो अभी पीएचडी करके डॉक्टर की डिग्री लेनी है। जब मैंने परीक्षा दी तो मेरे पीएचडी की परीक्षा में अंक कम रह गए। वजीफा लगने का कोई अवसर न रहा। मैं हताश हो गया।
मैंने सोचा कि अब मैं पीएचडी में रह जाऊंगा। मैं घर से पैसा लेना नहीं चाहता था। पीएचडी करने में चार साल का समय लगता है। खर्चा बहुत होता है। उन्हीं दिनों मुझे पता चला कि जर्मन कंपनी हैक्सट में कुछ नौकरियां निकली हैं। मैंने नौकरी के लिए हैक्सट कंपनी दिल्ली को प्रार्थना पत्र भेज दिया। इसके बाद मुझे निश्चित तिथि को मुझे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। वहां पचास से भी ज्यादा अनुभव किए हुए लोग आए हुए थे। केवल तीन अफसर ही नियुक्त करने थे। भाग्यवश उन तीनों में मेरा नाम भी था। मैं हैरान रह गया कि मेरा कोई अनुभव भी नहीं था। मेरी एमएससी पूरी होने में अभी आठ महीने का समय था। लेकिन मुझे कंपनी के आदेश के मुताबिक अचानक कार्यभार संभालना पड़ा। इस प्रकार पूजनीय परम पिता जी के वचन पूरे हुए। पूजनीय परम पिता जी के वचनों के अनुसार मेरी शादी भी एक साल बाद हो गई थी।
-श्री राजेश धवन, मुम्बई (महाराष्टÑ)
‘‘बेटा, घबराओ नहीं, हम मालिक से चार गुणा मंजूर करवाएंगे’’
सतगुरू की कृपा से हमारे घर एक लड़के ने जन्म लिया। जन्म के एक महीने बाद बच्चा अचानक बीमार हो गया और बेहोश हो गया। हमनें डॉक्टर से इलाज करवाया परंतु कुछ ही समय बाद वह लड़का शरीर छोड़ गया। आश्रम में आकर हमनें सारी बात पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को बताई। पूजनीय परम पिता जी ने फरमाया, ‘‘बेटा, घबराओ नहीं, हम मालिक से चार गुणा मंजूर करवाएंगे।’’ इसके बाद सतगुरू की कृपा से हमारे घर चार बच्चों ने जन्म लिया और मालिक की इस रहमत से हमारा घर खुशियों से भर गया।
-श्री बाबू सिंह, नसीबपुरा बठिंडा (पंजाब)
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