टोक्यो। जापान के उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में बुधवार देर रात आए भीषण भूकंप से दो लोगों की मौत हो गई और 92 अन्य घायल हुए है। पुलिस और दमकल अधिकारियों ने गुरूवार को यह जानकारी दी। अग्निश्मन और आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, मियागी और फुकुशिमा सहित सात प्रान्तों में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इन प्रांतों में स्थानीय समयानुसार सुबह 06.30 बजे तक 92 लोगों के भूकंप से घायल होने की खबर है। देश के उत्तरपूर्वी और पूर्वी क्षेत्रों विशेषकर मियागी और फुकुशिमा क्षेत्र में जोरदार झटके महसूस किए गए, जहां छह से अधिक तीव्रता के झटके महसूस किए।
स्थानीय समयानुसार बुधवार रात करीब 1136 बजे भूकंप के झटके महसूस किए। भूकंप का केन्द्र 37.7 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 141.7 पूर्वी देशांतर 60 किमी की गहराई में स्थित था। मियागी और फुकुशिमा प्रान्त में तटीय क्षेत्रों में एक मीटर सुनामी की लहरों की चेतावनी जारी की गई थी और लोगों से तटों से दूर रहने का आग्रह किया गया। तोहोकू शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सेवा के एक हिस्से में गुरूवार सुबह भूकंप के बाद एक बुलेट ट्रेन के पटरी से उतरने पर सेवा को रोक दिया गया है। ईस्ट निप्पॉन एक्सप्रेसवे कंपनी ने ओसाकी में तोहोकू एक्सप्रेसवे, मियागी प्रीफेक्चर और सोमा, फुकुशिमा में जोबन एक्सप्रेसवे सहित एक्सप्रेसवे के कई हिस्सों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
चीन के गंसु प्रांत भूकंप के तेज झटके
बीजिंग। चीन के गंसु प्रांत में झांगये शहर के सुनन काउंटी में गुरूवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार गुरूवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 0826 बजे गंसु प्रांत में झांगये शहर के सुनन काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए और रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.1 दर्ज की गई है। सीईएनसी ने बताया कि भूकंप का केन्द्र 39.02 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 97.66 डिग्री पूर्वी देशांतर पर नौ किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
कैसे मापा जाता जाता है भूकंप की तिव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।
क्या होता है रिक्टर स्केल
भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।
चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है देश को
दरअसल भूकंप को लेकर देस को चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
- 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
- 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
- 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
- 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
- 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
- 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
- 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं। अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को आॅफ कर दें।
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