नई दिल्ली (एजेंसी)। पिछले दिनों हिजाब मामले का तूल पूरे देश में फैल गया था। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे। सभी राजनीतिक पार्टियां हिजाब मामले पर अपना-अपना पक्ष रख रहे थे। इस बीच आज कर्नाटक हाईकोर्ट का इस मामले पर बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट की तीन मेंबर वाली बेंच ने कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। इस फैसले कई मुस्लिम संगठनों को बड़ा झटका लगा है। हिजाब मामले की सभी याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। वहीं हाईकोर्ट के फैसे से पहले चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इस मामले को लेकर कर्नाटक में धारा 144 लागू कर दी गई थी।
हिजाब विवाद की बड़ी बातें
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें शिक्षण अवधि के दौरान कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गयी थी।
- हाईकोर्ट के फैसले से कई मुस्लिम संगठनों को झटका।
- हिजाब की मांग करने वाले छात्रों को हाईकोर्ट का झटका।
- हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में रिवाज जरूरी नही।
- स्कूल तय करेंगे यूनिफार्म।
- फैसले के बाद स्कूल कॉलेजों पर हिजाब बैन रहेगा।
- हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं।
क्या है मामला
कर्नाटक में हिजाब का विवाद दिसंबर 2021 में एक कॉलेज से शुरू हुआ था, जब एक कॉलेज में क्?लास के भीतर हिजाब पहनने के लिए मना कर दिया था। इस पर 8 मुस्लिम छात्राओं ने विरोध किया और कहा कि कॉलेज उन्?हें हिजाब पहनने से नहीं रोक सकता क्?योंकि ये उनकी धार्मिक स्?वतंत्रता है। इसके बाद हिजाब के विरोध में कुछ बच्चों ने भगवा गमछे या शॉल पहनने शुरू कर दिए, जिससे विवाद और बढ़ गया। इसके बाद यह विवाद कई अन्य कॉलेजों में शुरू हो गया। हाल ही में कुछ कॉलेज ने छुट्टी करके इसका हल निकाला तो एक कॉलेज में हिजाब पहनी लड़कियों को अलग बैठा दिया गया। वहीं, इस मामले को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन भी जारी है।
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