सरसा ब्लॉक की साध-संगत ने 15-सेक्टर के स्कूल, कॉलेज, होस्पिटल व सड़कों की बदली सूरत
सरसा(सच कहूँ/सुनील वर्मा)। तेरे दर्श दा ही हैं शोंक सानू, एक बार तु देन दीदार आजा-असी प्यासे तेरी दीद दे हा, साडी प्यास बूजान दातार आजा। जी हां यह भजन की पंक्तियां गुरुग्राम सफाई महाअभियान में हिस्सा लेने पहुंची साध-संगत पर बिल्कुल स्टीक बैठती है। हालांकि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जब 21 गुरुग्राम में ठहरें तो उस दौरान साध-संगत को उनके दर्शन नहीं हो पाये। लेकिन 6 मार्च को डेरा सच्चा सौदा के चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने उस पाक-पवित्र धरा को सजदा किया, जहां पर पूज्य गुरु जी ठहरें थे। साथ में इसी खुशी में गुरु नगरी की सफाई कर साध-संगत ने गुरु की सेवा कमाई।
सफाई महाअभियान की सेवा में हर बार की तरह इस बार भी डेरा सच्चा सौदा के सरसा ब्लॉक के श्रद्धालु अग्रिम पंक्ति में सेवा करते नजर आये। सरसा ब्लॉक की साध-संगत 20 से अधिक निजी बसों, 100 से अधिक छोटे व्हीकलों व ट्रेन के माध्यम से गुरुग्राम सफाई अभियान में हिस्सा लेने पहुंची। साध-संगत ने सेक्टर 15 व सदर बाजार के विभिन्न सरकारी स्कूलों, मंदिरों, अस्पतालों व पार्कों को कुछ ही घंटों की सेवा में साफ-सुथरा बना दिया। दूसरी ओर गुरुग्रामवासी सेवादारों का अनुशासन, पूज्य गुरु जी के प्रति उनकी श्रद्धा और अटूट विश्वास तथा सेवा भावना व जज्बे को देखकर दंग थे।
मुझे भी पूज्य गुरु जी की रहमत से गुरुग्राम सफाई महा अभियान में जाने का मौका मिला। गुरु नगरी की सफाई करके व उस पाक-पवित्र धरती को सजदा करके उन्हें अंदर से बेइंतहा सुकून मिला है। पूज्य गुरु जी से यही प्रार्थना है कि वे अब जल्द हमारे बीच में आये और दुनिया का उद्धार करें।
-रेखा सोनी इन्सां ,कीर्ति नगर
मुझे गुरुग्राम सफाई महा अभियान में सेवा करने का सौभाग्य मिला। सेवा के पश्चात जब नामचर्चा घर की उस पावन धरा को सजदा किया तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू नहीं रूक रहे थे। पूज्य गुरु जी हर पल अंग-संग होने का भी एहसास करवा रहे थे। मुर्शिद जी का जितना शुक्राना किया जाए, उतना कम है।
-प्रवीण छाबड़ा इन्सां, सुजान बहन।
गुरुग्राम की धरती को मेरे मुर्शिद ने चरण टिकाकर पवित्र कर दिया है। इसलिए गुरुग्राम के सफाई अभियान में साध-संगत ने बड़े उत्साह व जोश के साथ भाग लिया और मात्र चार घंटों में पूरे शहर की तस्वीर बदल कर रख दी। गुरु नगरी की सफाई करके जो खुशी मिली उसे में अपने शब्दों में बयां नहीं कर सकती। वीना कक्कड़ इन्सां, सुजान बहन।
पहली बार सफाई अभियान में लिया हिस्सा: अनीता
शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल सरसा की हिंदी अध्यापिका अनीता नारंग। जिन्होंने पहली बार गुरुग्राम सफाई महा अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु जी की रहमत से सफाई अभियान में भाग लेकर काफी अच्छा महसूस कर रही हूँ और आगे भी जहां भी अभियान चलेगा, सेवा कार्य में सबसे आगे रहूंगी।
स्वच्छता का हमारे जीवन में विशेष महत्व है और पूज्य गुरु जी ने हमें स्वच्छता के लिए प्रेरित किया है। इसलिए वह भी सफाई महाअभियान का हिस्सा बनी। अभियान में भाग लेने से उनका मानवता की सेवा करने का जज्बा और जुनून और भी बढ़ गया है। साथ ही गुरु नगरी के दीदार करके आत्मा खुश हो गई।
-उमा रानी, शिक्षिका।
हो पृथ्वी साफ-मिटें रोग अभिशाप सफाई महा अभियान में दूसरी बार अपने परिवार के साथ हिस्सा लेने पहुंची शिक्षिका मनप्रीत कौर ने कहा कि सफाई अभियान में भाग लेकर मुझे अत्यंत प्रसंता हो रही है। ऐसे नेक कार्य भविष्य में जब भी होंगे, वह उनमें बढ़-चढकर भाग जरूर लेंगी।
पूज्य गुरु जी की रहमत से वह खुद परिवार के साथ गुरुग्राम सफाई महा अभियान में भाग लेने गई। वहां सफाई करके बेहद खुशी मिली। वह अब तक 33 में से 15 सफाई अभियानों में भाग ले चुकी है। हर सफाई अभियान की खुशियों का अलग ही नजारा होता है। इस बार तो सफाई के साथ गुरु नगरी को नमन करने का मौका मिला।
देश को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के लिए पूज्य गुरु जी ने 2011 में सफाई महाअभियान की शुरुआत की। सफाई अभियान में सेवा करके मन को असीम शांति मिलती है। पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलने से उनका जीवन सफल हो गया।
पूज्य गुरु जी के गुरुग्राम पधारने के बाद जब उनके दीदार नहीं हुए तो मन थोड़ा मायूस था। लेकिन फिर सतगुरु जी ने हमारी पुकार को सुनते हुए गुरुग्राम में सफाई अभियान की सौगात देकर हमें इस धरती को साफ-सूथरा करने के साथ सजदा करने का मौका दिया।
-संदीप कौर इन्सां
करीब पांच साल बाद सफाई महा अभियान में सेवा करके मन को असीम शांति मिली। गुरुग्राम सफाई अभियान की खुशी का तो नजारा ही अलग था। वहीं आम लोग भी कह रहें थे कि समाज में बढ़ रही कुरीतियों को खत्म करने के लिए आज पूज्य गुरु जी की समाज को सख्त जरूरत है।
-मोहित तनेजा, बूट हाऊस संचालक।
सफाई अभियान में सेवा करके जो खुशी और मन को शांति मिलती है। उसका हम लिख बोलकर बयान नहीं कर सकते। उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
-संदीप चुघ इन्सां, न्यू एमसी मार्केट।
गुरुग्राम सफाई महा अभियान में गुरु नगरी को सजदा करने का मुझे मौका मिला।आगे भी वह सफाई महाअभियानों में हिस्सा लेती रहेगी। पूज्य गुरु जी की रहमत से इन कार्यों को करके मन को जो सुख और शांति मिलती है, उसको लिख बोलकर बताया नहीं जा सकता।
-प्रभजोत इन्सां
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