हंगरी व पौलेंड पहुंचे जिले के दो और विद्यार्थी, जल्द लौटेंगे वतन
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अभी भी 80 से अधिक विद्यार्थी यूके्रन में है फंसे
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। यूक्रेन (Ukraine) के कीव, लवीव व विनितिशिया में फंसे तीन और विद्यार्थी बुधवार को सरसा पहुंच गए। जिससे उनके स्वजनों ने राहत की सांस ली है। अब तक यूके्रन के विभिन्न शहरों में मेडिकल की पढ़ाई करने गये 6 लोग वापिस अपने वतन लौट चुके है। वहीं शहर की न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी अर्जुन हंगरी व कंगनपुर निवासी दर्पण पौलेंड में सकुशल पहुंच चुके है तथा जल्द ही भारत लौटेंगे।
अभी भी जिले के 80 से अधिक विद्यार्थी यूके्रन के अलग-अलग यूनिर्वसिटी में फंसे हुए है। हालांकि सरसा पहुंचे विद्यार्थियों ने कहा है कि सरकार ने उन्हें भारत भेजने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया है। सिर्फ उन्हें अपने-अपने शहर को छोड़े की एडवाइजरी जारी की है। सभी छात्र अपने रिस्क पर ही अपने देश पहुंचे है।
मोहित बोला कीव में हालात बेहद खराब, खुद के रिस्क पर निकले
हांडीखेड़ा निवासी मोहित सिहाग ने बताया कि वह कीव यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। युद्ध के बाद वहां हालात बेहद खराब हो गए। वहां से निकलना बहुत मुश्किल था। सरकार ने भारतीयों को कीव छोड़ने के लिए कह दिया था परंतु कोई प्रबंध नहीं किए। छात्र अपने रिस्क पर निकले हैं।
उसके साथ उसके तीन दोस्त और थे, जिनमें एक आंध्र प्रदेश, एक यूपी और एक गोआ से था। चारों दोस्त लवीव से होते हुए हंगरी बार्डर पहुंचे वहां से इंडियन एंबेसी ने उनके लिए हवाई जहाज का प्रबंध किया गया। अपने देश में आकर उसे राहत मिली है।
लवीव से हालैंड बार्डर होकर भारत पहुंची संदीप कौर
ऐलनाबाद के वार्ड 12 निवासी संदीप कौर ने बताया कि वे लवीव से हालैंड बार्डर होकर भारत पहुंचे हैं। उसने बताया कि उसके साथ केरल की आयशा हन्नान, गुरग्राम का मनदीप यादव व दिल्ली का आयुष राजदीप था। लवीव से पौलेंड से वे बस में आए। इसके बाद करीब 30 किलोमीटर पैदल चले। कड़ाके की ठंड में सामान के साथ उन्होंने पैदल सफर तय किया। पौलेंड बार्डर पार करने में काफी परेशानियां आई।
हालांकि लड़कियों को यूक्रेन (Ukraine) सेना ने बार्डर पार करवा दिया। लेकिन लड़कों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था। पौलेंड बार्डर के बाद इंडियन एंबेसी ने उनके आने का प्रबंध किया हुआ था। वहीं बेटी को सुरक्षित पहुंचा देख कर उसके पिता सुरजीत सिंह व मां रणजीत कौर की आंखें खुशी से झलक आई।
भारत बोला, यूक्रेनी सैनिक भारतीयों से कर रहे अभद्र व्यवहार
फ्रेंड्स कॉलोनी में बैंक अधिकारी सुरेश बरनवाल का बेटा भारत भी बुधवार प्रात: छह बजे घर पहुंचा। उसने बताया कि वह विनितिशिया यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस थर्ड इयर कर रहा है। उनके क्राक के इग्जाम होने है, जिस कारण अनेक छात्र वहां रूके हुए थे। हालांकि उनकी यूनिवर्सिटी दूर थी परंतु रह रहकर हूटर बजते रहते थे और उन्हें बंकर में रहना पड़ता था।
उसने बताया कि यूक्रेन (Ukraine) से निकलने में किसी भी सरकार ने उनकी मदद नहीं की। छात्र खुद के खतरे पर एक बस करके निकल पड़े। रोमानिया बार्डर पर यूक्रेनी सैनिक भारतीयों से अभद्र व्यवहार कर रहे थे। यूक्रेनी नागरिकों के रोमानिया जाने के लिए अलग गेट था तथा वे आसानी से जा रहे थे जबकि इंडियन को एक एक दो दो करके निकाला जा रहा था। भारत ने बताया कि उन्हें बार्डर क्रास करने में ही 25 घंटे लग गए।
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