सूरतगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। टिब्बा क्षेत्र की मुख्य मांग ऐटा-सिंगरासर माईनर की मांग को बजट में अनदेखा करने से नाराज होकर टंकी पर चढ़े आठों किसान आधी रात को समझोते के बाद नीचे उतरे। रात करीब 1 बजे गुंसाईसर गांव पहुंचे उपखंड अधिकारी कपिल यादव ने कलेक्टर के हवाले से बताया कि माईनर के लिए एक सप्ताह में सर्वे कमेटी बना दी जाएगी। इसके बाद टंकी पर चढ़े टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई सहित श्योपत मेघवाल धांधूसर, राकेश शर्मा गुसाईसर, भूपेंद्र सिंह गुसाईसर, विनोद जिनागल गुसाईसर, मांगीलाल चोपड़ा, सुरेन्द्र नाथ व विजय सिंह नीचे उतरे। अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर की मुख्य सचिव से बात हो गई है।
नोहर-भादरा की तरह माईनर की संभावना तलाशने के लिए एक सप्ताह में सर्वे कमेटी गठित कर दी जाएगी। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर गावों को सिंचित करने पर विचार किया जाएगा। विदित हो कि राज्य बजट में ऐटा माईनर पर घोषणा ना होने से आक्रोशित 8 किसान गुंसाईसर गांव में टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई के नेतृत्व में श्योपत मेघवाल धांधूसर, राकेश शर्मा गुसाईसर, भूपेंद्र सिंह गुसाईसर, विनोद जिनागल गुसाईसर, मांगीलाल चोपड़ा, सुरेन्द्र नाथ व विजय सिंह बुधवार शाम करीब 5 बजे ठुकराया पंचायत के गांव गुंसाईसर की पेयजल टंकी पर चढ़ गए थे। इनके साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने टंकी के पास ही धरना लगा दिया।
सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तक हरकत में आ गया। राजियासर थाने के सहायक उप निरीक्षक सज्जन मीणा जाब्ते के साथ गुंसाईसर गांव पहुंच गए। इसके बाद रात्रि को तहसीलदार हाबूलाल मीणा आदि अधिकारी भी वहां पहुंच कर किसानों से नीचे उतारने के प्रयास किए, लेकिन किसान नेताओं ने ठोस आश्वासन मिलने पर नीचे उतरने की बात कही। बाद में आधी रात को कलेक्टर के निर्देश पर उपखंड अधिकारी कपिल यादव, पुलिस उपाधीक्षक शिवरतन गोदारा व सिटी थानाधिकारी रामकुमार लेघा ने वहां पहुंच कर आंदोलनकारियों से वार्ता की।
इस दौरान सहमति बनने पर आठों किसान टंकी से नीचे उतरे। राकेश बिश्नोई ने आक्रोश जताया कि बजट में ऐटा सिंगरासर माइनर की घोषणा नहीं कर सरकार ने टिब्बा क्षेत्र के उपेक्षित ग्रामीणों से वादाखिलाफी की है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जबकि नोहर-भादरा क्षेत्र के 28 गांवों को पानी देने की बजट में की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधा की मांग टिब्बा क्षेत्र के ग्रामीण कई दशकों से करने के साथ न केवल बड़े आंदोलन किए हैं, बल्कि जेल भी गए हैं। इसके अलावा पुलिस की लाठियां भी खाई है।
बिश्नोई ने चेताया कि अगर एक सप्ताह में विशेषज्ञ कमेटी बनाने की घोषणा नहीं की गई, तो फिर से बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इस दौरान सरपंच गिरधारी स्वामी, मांगी वर्मा, जसराम बुगालिया आदि ने धरने की कमान संभाली। यहां उल्लेखनीय है कि ऐटा सिंगरासर माईनर की मांग कई दशक पुरानी है।
इसके लिए कई बार बड़े आंदोलन हो चुके हैं। करीब 8 साल पहले राकेश बिश्नोई के नेतृत्व में वसुंधरा राजे सरकार के बजट में माईनर की घोषणा नहीं होने पर काफी दिनों तक बड़ा आंदोलन हुआ था। उस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। इसके बाद इस आंदोलन में जिले के नेता भी शामिल हो गए। इसलिए जिला पुलिस व प्रशासन ने किसानों के टंकी पर चढ़ने को तत्काल ही गंभीरता से लेकर आधी तक अधिकारियों को भेज दिया और वार्ता कर करीब 8 घंटे बाद ही आठों किसानों को टंकी से नीचे उतार लिया।
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