कीव (एजेंसी)। यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आगाज हो चुका है। यूक्रेन की राजधानी कीव सहित अलग-अलग क्षेत्रों में विस्फोटों की आवाज सुनी जा रही है। बताया जा रहा है कि कीव पर क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया गया है। कीव के अलावा खार्किव शहर में भी विस्फोट हुए हैं। इससे पहले वीरवार सुबह ही डोनेटस्क में पांच विस्फोट हुए थे। बता दें कि जिस डोनेटस्क में 5 विस्फोट हुए हैं, वह उन 2 क्षेत्रों में से एक है, जिन्हें रूस ने नए देश के रूप में मान्यता दी है। विस्फोटों ये क्रम उस वक्त शुरू हुआ जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की घोषणा की।
इस बीच यूक्रेन ने भारत से मदद मांगी है। यूक्रेन के राजदूत ने पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है। यूक्रेन के राजदूत आइगोर पोलखा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध अच्छे हैं। नई दिल्ली (भारत) यूक्रेन-रूस विवाद को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। आइगोर पोलखा ने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह तत्काल रूस के राष्ट्रपति पुतिन और हमारे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क करें और इस विवाद को सुलझाने में मदद करें।
पोलखा ने कहा कि रूस दावा करता है कि मिलिट्री ठिकानों पर हमले हो रहे हैं, जबकि हमले में आम लोग भी मारे गए हैं। वहीं यूक्रेन ने रूस के पांच से ज्यादा प्लेन मार गिराए हैं, इसके अलावा टैंक और ट्रकों को भी ढेर कर दिया। वहीं अब तक देखें तो भारत युद्ध या गतिरोध में किसी की तरफ नहीं है। विदेश मंत्रालय की तरफ से वीरवार को कहा गया कि भारत का स्टैंड इस जंग पर न्यूट्रल है और उनको शांतिपूर्ण समझौते की उम्मीद है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की आपातकालीन मीटिंग में भी भारत ने यूक्रेन में रह रहे अपने 20 हजार लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने लुहान्स्क में दागे गोले
लुहान्स्क। यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने पिछले 24 घंटों के भीतर लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) पर 177 बार गोले दागे। डोनबास में युद्धविराम व्यवस्था नियंत्रण और समन्वय के संयुक्त केन्द्र (जेसीसीसी) के लिए स्व-घोषित एलपीआर मिशन के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से बात करते हुए इसकी जानकारी दी। प्रवक्ता ने कहा, ‘यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने यहां की 26 बस्तियों में 177 बार गोले दागे हैं।
यूक्रेन में लागू हुआ आपातकाल
रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन के सांसदों ने 24 फरवरी से देशव्यापी आपातकाल लगाने के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसद की प्रेस सेवा ने इसकी जानकारी दी। यह आपातकाल वीरवार से शुरू होकर 30 दिन तक लागू रहेगा, हालांकि यह संघर्ष प्रभावित क्षेत्र लुहान्स्क और डोनेट्स्क में प्रभावी नहीं होगा। यूक्रेनी क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति लागू करने के इस कानून को 450 सीटों वाली संसद में 335 सांसदों ने समर्थन दिया। यहां डोनेट्स्क और लुहान्स्क में फिल्हाल संयुक्त सेना अभियान चल रहा है। यहां विशेष कानून व्यवस्था पहले से ही प्रभावी है।
इंटरफैक्स-यूक्रेन समाचार एजेंसी के अनुसार, यूक्रेन के 22 क्षेत्रों में आपातकाल लागू करने का मकसद सामूहिक बैठकों, विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाना, संबंधित अधिकारियों को सूचित किए बिना सैनिकों को निवास बदलने से रोकना और ऐसी गलत सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाना है, जिनसे देश में अस्थिरता पैदा होने की संभावना है। इस दौरान लोगों और वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध रहेगा और अगर जरूरत पड़ी तो कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है। इस दौरान लोगों को उन जगहों से निकालना जारी रहेगा, जहां उनके खतरे की आशंका है। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद ने यूक्रेन की सीमाओं के पास रूसी सैनिकों की भारी तैनाती को देखते हुए संसद को देश भर में आपातकाल की स्थिति लागू का प्रस्ताव दिया था।
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