थाना प्रभारी एक एएसआई के साथ संभाल रहे 25 गांवों की कमान
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लोगों ने की पर्याप्त पुलिस कर्मी तैनात करने की मांग
सच कहूँ/तरसेम सिंह, जाखल। जाखल शहर (Jakhal station) हो जाखल गांव हो या जाखल थाना के अंतर्गत गांव के ग्रामीण इन दिनों चोरी की लगातार घटनाओ से चितिंत व पुलिस के प्रति हर तरह से नाराजगी व्यक्त ही नही कर रहे बल्कि कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस के खिलाफ रोष भी व्यक्त कर रहे है। जाखल थाना पुलिस के संसाधनो की पड़ताल की तो जो बात सामने आई।
आपको शायद जानकर हैरानी होगी की पंजाब सीमा से सटा जाखल क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के 25 गांव और जाखल शहर की सुरक्षा सिर्फ़ होमगार्ड के भरोसे है। जाखल थाना (Jakhal station) और म्योंद पुल पुलिस चौकी पर स्टाफ की कमी है, यहां ना तो जरूरत के मुताबिक एएसआई है और न ही जरूरत अनुसार हवलदार, सिपाही है। जबकि जाखल शहर में ही जहां पंजाब से 3 मुख्य मार्गो से जाखल मे आवागमन होता है वहीं जाखल थाना के कई गांव भी पंजाब सीमा से सटे हुए है।
ऐसे में जाखल थाना में अतिरिक्त पुलिस कर्मियो की तैनाती जरूरी है, लेकिन जाखल में पिछले 5 सालों से पुलिस कर्मियों की तैनाती की संख्या कम होती जा रही है। जाखल थाना में इसकी जिम्मेदारी को महज दो एएसआई हैं,1 उप निरीक्षक, 2 हवलदार, 2 मुंशी व 24 होमगार्ड के साथ थाना प्रभारी पर है। यही नही एक उप निरीक्षक जहां छुट्टी पर वहीं 1 एएसआई लंबी छुट्टी पर है।
जाखल थाना का एरिया
जाखल थाना के अंतर्गत 25 गांवो को 4 बीट में बांटा गया गया हुआ है। थाना के उतर दिशा में 1 बीट जाखल गांव और जाखल मंडी हैं जिसमे 15000 से ज्यादा आबादी है। दूसरी बीट 18 किलोमीटर तक तलवाड़ा, तलवाड़ी, साधनवास सिधानी, चांदपुरा, मुंदलिया इत्यादि गांव पड़ते हैं। वहीं तीसरी बीट म्योंद कलां पुलिस चौकी के अंतर्गत म्योंद खुर्द, म्योंद कलां, मुस्साखेड़ा, शकरपुरा, रत्ता थेह, लहरा थेह इत्यादि गांव लगते हैं, जबकि दक्षिण दिशा में कासिमपुर, नडेल, चुहड़पुर, उदयपुर, कूदनी, मामुपुर, गीरनों, नत्थूवाल, चिल्लेवाल, ढेर, दीवाना इत्यादि गांव चौथी बीट में आते है।
40 होमगार्ड के साथ 6 एएसआई की नियुक्त करने की मांग
जाखल खंड सरपंच ऐसोसिएशन प्रधान जगवीर गोस्वामी जिला पुलिस अधीक्षक से जाखल थाना में 2 उपनिरीक्षक, 6 सहायक उपनिरीक्षक, 10 सिपाही व 40 होमगार्ड तैनात करने की मांग करते हुए कहते है कि जाखल क्षेत्र पंजाब की सीमा से सटा होने के चलते पुलिस पर जहां पंजाब से आने वाले संदिग्ध लोगो पर नजर रखने का दायित्व होता है वहीं पंजाब सीमा से लगते शहर जाखल व गांवों के रास्तों से आने जाने वाहनो की चैकिंग करने का अभियान भी समय समय पर चलाना होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को भी परिवारिक समारोह व बीमारी सहित अन्य जरूरी काम के लिए छुट्टी लेनी पड़ती है ऐसे में व्यवस्था सुचारू रूप से चले थानों में पर्याप्त स्टाफ की तैनाती जरूरी है।
होमगार्ड से ही बैंक ड्यूटी से इलाके की निगरानी तक का काम कराया जा रहा है
जाखल थाना में एक भी सिपाही की तैनाती ना होने के कारण बैकों की डयूटी, रात की गश्त से लेकर थाना क्षेत्र में निगरानी करने का काम होमगार्ड से करवाया जा रहा है। करीब 2 लाख की आबादी की निगरानी के लिए स्टाफ की कमी से जूझ रहे जाखल थाना व म्योंद भाखड़ा पुल चौकी के बूते जाखल शहर व 25 गांवों में स्थित करीब 15 बैंक, अस्पताल, बस स्टैंड, जाम, रेलवे कालोनी समेत शहर की निगरानी एवं तत्कालिक घटनाओं को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी है। हालांकि यहां तैनात जाखल थाना प्रभारी विक्रम जोशन का दावा है कि इतना कम स्टाफ होने के बावजूद इलाके की सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद है। अपराधियों के साथ संवेदनशील स्थानों पर पैनी नजर रखी जाती है ।
क्या कहते हैं फतेहाबाद जिला पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि अपराधो के रिकार्ड को देखते हुए स्टाफ की कोई कमी नही है। उन्होंने बताया कि जनवरी माह में सिर्फ 34 ही मामले दर्ज हुए है। एसपी ने बताया कि अपराधों के अनुसार ही थानो में पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि जाखल के पंजाब क्षेत्र के नाकों पर अतिरिक्त नियुक्ति कर दी गई है।
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