प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह करेंगे रैलियां
- पंजाब पर फोकस कर रही पार्टी, सभी कैबिनेट मंत्री करेंगे दौरा
- मालवा में होंगी रैलियां तो दोआबा और माझा में दिग्गज भाजपाई डालेंगे डेरा
सच कहूँ/अश्वनी चावला, चंडीगढ़। 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधान चुनाव को लेकर भाजपा(BJP Leaders) ने पूरी तरह से कमर कस ली। अब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री खुद मोर्चा संभालेंगे। अमित शाह अगले 10 दिन तक पंजाब की रणनीति को देखते हुए हर मिनट की खबर लेंगे तो कई स्थानों पर वे खुद रैलियां करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों सहित पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग भी करवाई जाएगी ताकि पंजाब में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करते हुए न केवल अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करे बल्कि सरकार बनाने की स्थिति तक पहुंचे। केंद्रीय मंत्रियों की भी पंजाब में ड्यूटी लगाई जा रही है।
भाजपा की तरफ से अब प्रचार को तेज कर दिया गया है। भाजपा के बड़े नेता ज्यादातर उन सीटों पर ही प्रचार करते नजर आएंगे, जहां उनकी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं तो कुछ नेताओं को प्रचार करने के लिए गठबंधन की सीटों पर भी भेजा जाएगा। भाजपा ने पंजाब में नेताओं को जिम्मेदारियां तीन भागों में बांटी हैं। मालवा में हर दिन आधी दर्जन से ज्यादा नेताओं को विधानसभाओं में भेजा जाएगा, जिससे मालवा में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रह सके।
इसके साथ ही जिन 23 सीटों पर भाजपा पिछले 25 साल से लड़ते हुए जीतती भी आई है, उन सीटों पर खास फोकस करते हुए भाजपा बड़े नेताओं(BJP Leaders) को भी भेजने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन रैलियां उन सीटों पर ही हो रही हैं, जिन सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है और मतदान जीतती भी आई है। प्रधानमंत्री की तीन रैलियों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आधा दर्जन से अधिक रैलियां कर सकते हैं। वहीं केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा की तरफ से भी आधा दर्जन से ज्यादा रैलियों और नुक्कड़ मीटिंगों को संबोधन किया जाएगा।
भाजपा की सक्रियता से अकाली दल को सबसे ज्यादा नुक्सान
भाजपा की सक्रियता से शिरोमणि अकाली दल को सबसे ज्यादा नुक्सान हो सकता है। पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन में चुनाव लड़ने के कारण भाजपा के नेताओं और वर्करों को शिअद अपनी पार्टी का ही मानकर चलती आई है। भाजपा का 10 प्रतिशत तक का वोट बैंक अकाली दल को मिलता रहा है। भाजपा के बड़े नेताओं के पंजाब प्रचार में आने के बाद भाजपा का सारा वोट बैंक अकाली दल के हाथों से खिसक जाएगा, वहीं कांग्रेस विरोधी वोट का नुक्सान भी होगा।
कांग्रेस से नाराज होकर जो वोट शिरोमणि अकाली दल में जाना था, अब वह वोट बैंक भाजपा और आम आदमी पार्टी की तरफ भी जा सकता है। जिस कारण शिरोमणि अकाली दल को पंजाब में काफी ज्यादा नुक्सान होने की संभावना रहेगी।
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