चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस(Congress in Punjab) नेता राहुल गांधी के कल लुधियाना में मुख्यमंत्री चेहरे का एलान करने से पहले ही पार्टी के भीतर आलाकमान के इस निर्णय को लेकर एकजुटता नजर नहीं आ रही। अब कांग्रेस के बड़े चेहरे एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री तथा अध्यक्ष रहे प्रताप सिंह बाजवा ने शनिवार को मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि मेरी इस बारे में राय है कि मुख्यमंत्री चेहरे के एलान से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए विरोधियों को मौका देने के बजाय सामूहिक नेतृत्व को चुनाव मैदान में उतारना चाहिए।
बाजवा ने कहा कि वैसे भी मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी घुड़सवार हैं तथा बाकी टीम उनके सहयोग के लिए है। जब कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री चेहरा पहले से है तो ऐलान करने की क्या जरूरत है। बाजवा हालांकि चन्नी की वकालत करते नजर आए और कहा कि चन्नी मुख्यमंत्री चेहरा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और बाकी टीम उनके साथ है। अब इस समय सभी को मजबूती से पार्टी की सत्ता में वापसी कराने के लिए एकजुट होने का है। ऐसे निर्णय से पार्टी में फूट भी पड़ सकती है। वैसे ही पार्टी पिछले लंबे समय से उतार चढ़ाव से गुजरी है जिसका लोगों पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा।
सिद्धू को लेकर कांग्रेस में मचा हाहाकार
सिद्धू ने तो साफ कह दिया है कि मुख्यमंत्री तब बने जब उसके साथ साठ विधायक हों। मैंने सदैव मुद्दे की राजनीति की है तथा सत्ता की भूख के कारण मैं कांग्रेस(Congress in Punjab) में नहीं आया और मैं राहुल तथा प्रियंका का साथ छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं कभी मुद्दे की राजनीति से नहीं हिला। पंजाब माडल मेरा माडल नहीं बल्कि पंजाब मॉडल सिद्धू का अनुभव है। यह पंजाब के लोगों की जिंदगी को बदलने वाला मॉडल है। मुख्यमंत्री चेहरे का किरदार , उसकी नीति क्या है यह पहले साफ हो। कहीं माफिया का हिस्सा तो नहीं । पिछले दो मुख्यमंत्रियों ने माफिया राज चलाया।
उन्होेंने कहा कि मुख्यमंत्री चेहरे का एलान सोच समझ कर किया जाए क्योंकि जैसा सीएम होगा वैसा ही शासन। नीतिगत फैसलों को लागू करने के लिए ईमानदार मुख्यमंत्री हो तथा काबिलियत देखकर घोषित हो। जैसा मुख्यमंत्री वैसा पंजाब। पिछले लंबे समय से मुख्यमंत्रियों ने पंजाब की क्या गत बना दी । मुख्यमंत्री ऐसा न हो जो ऊपरवालों की ताल पर ताथैया करे।
सांसद मनीष तिवारी ने मौजूदा घटनाक्रम को लेकर जताई चिंता
उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से सांसद मनीष तिवारी ने मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जिस तरह का माहौल पंजाब कांग्रेस(Congress in Punjab) में पैदा हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है तथा अब जब चुनाव सिर पर हैं तो ऐसे में भी अंदरखाते एकजुटता और पार्टी को जिताने पर पूरा ध्यान केन्द्रित करने के बजाय किसी और दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम वैसे कांग्रेसी नहीं कि मेरा बेटा या भाई बागी होकर निर्दलीय और मैं कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडूं। हमने पार्टी को खून से सींचा है और पार्टी को जिताने के लिए अपना योगदान देना मेरा फर्ज है। बाकी जो भी आपसी बातें हैं उनके बारे में 20 फरवरी के बाद बात की जाएगी।
क्या है मामला
ज्ञातव्य है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से चले घटनाक्रम को लेकर उन्होंने नाराजगी आलाकमान के प्रति जाहिर की और अब उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल न किए जाने का तिवारी को मलाल है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर आम सहमति अब तक नहीं बन पाई है तथा ज्यादातर विधायक कुछ और ही सोचते हैं लेकिन वे खुलकर अपनी बात कहने से कतरा रहे हैं। वे चाहते हैं कि किसी तरह चुनाव जीत लिया जाए उसके बाद ही कुछ देखेंगे।
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