विश्व कैंसर दिवस: रामनाम के जाप व सेवा से कैंसर जैसी भयानक बीमारी भी खत्म हो जाती है: पूज्य गुरू जी

सच कहूँ/विजय शर्मा
करनाल। आज विश्व कैंसर दिवस है। तो हम बात करेंगे ‘कैंसर’ की। कैंसर का नाम सामने आते ही आपके जहन में एक चीज पैदा हो जाती है वो है ‘मौत का डर’। और ये होना भी लाजमी है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। जो किसी से उसकी जिन्दगी ही नहीं छीनती, बल्कि छीन लेती है उसके सपने, उसका परिवार, उसके अपने, उसके रिश्तेदार। लेकिन इन सबसे हटके भी एक दुनिया है जिसे ‘रूहानियत’ कहते हैं। जहां ऐसे-ऐसे आश्चर्यजनक करिश्मे होते हैं जिसे विज्ञान भी देखकर हैरान है। हम बात कर रहे हैं सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा (सरसा) की। ये रूहानियत की वो मेडिकल यूनिवर्सिटी है जहां चौथे स्टेज तक का ब्लड कैंसर ठीक हो जाता है। कैंसर की पॉजीटिव रिपोर्ट कैसे नेगेटिव हो जाती है ये देखकर बडेÞ-बड़े डॉक्टर व कैंसर विशेषज्ञ भी हैरान रह जाते हैं। इतना हीं नहीं आश्रम में मात्र सेवा करने से नशों की दलदल में फंसे करोड़ों लोग ऐसे-ऐसे नशे तक छोड़ देते हैं, जिसे छोड़ पाना इनके लिए असंभव था। लेकिन कहते हैं ना अगर अपने ‘गुरु’ पर दृढ़ विश्वास और खुद पर यकीन हो तो रूहानियत में कुछ भी असंभव नहीं। इस ‘रूहानियत की मेडिकल यूनिवर्सिटी’ के रहबर स्वयं डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां हैं। जिसके पाक पवित्र वचनों को मानने व रामनाम के जाप से ही कैंसर ठीक हो जाता है। प्रमाण आपके सामने हैं।

सार्इंस को पू्रफ चाहिये, आपके सामने है

रामनाम के जाप व सेवा से आने वाली पहाड़ जैसी बीमारियां कंकर में बदल जाया करती हैं। हमने 6 करोड़ लोगों को गुरुमंत्र बताया, और करोड़ों लोग बताते हैं कि उनके साथ ऐसा अनुभव होता है। बहुत से लोग कागज तक लेकर आए और दिखाया कि ‘‘चौथे स्टेज का कैंसर था, रामनाम से जुड़ गए, दिन-रात राम नाम का जपा और जब दोबारा जाकर चेकअप करवाया तो कैंसर नाम की कोई चीज ही नहीं थी। डॉक्टर हैरान थे कि ये तू है या कोई ओर। लेकिन वो जानते थे आदमी तो वहीं है, रिपोर्ट भी उनकी बनाई हुई थी, लेकिन ये कैसे संभव है। सार्इंस को पू्रफ चाहिये और पू्रफ सामने हैं। ये मानना सार्इंस के लिए संभव नहीं है लेकिन भगवान के लिए चुटकी में संभव है। वो दो बूंद से अगर आदमी को बना सकता है। तो उसी के शरीर में से किसी रोग को हटाना उसके लिए तो ऐसे है जैसे मक्खन से बाल निकालना। इतना ही नहीं जो सार्इंस को मानने वाले डॉक्टर है उनके साथ भी ऐसा हुआ, अब वो तो सार्इंस को मानने वाले हैं, पढ़े लिखे भी हैं वो झूठ क्यो बोलेंगे। लेकिन ऐसा होता है, उस ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, सच्चे दाता के रामनाम के जाप से।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।

सालों में कैंसर मामलों में 28 फीसदी वृद्धि

मेडिकल जर्नल आॅफ आॅन्कोलॉजी के अध्ययन में ये बात सामने आई है कि पिछले दस सालों में कैंसर के मामलों में 28 फीसदी वृद्धि हुई है और इस बीमारी से होने वाली मौतें 20 फीसदी बढ़ी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में कैंसर ऐसी दूसरी बीमारी है जिससे लोगों की मौत सबसे ज्यादा होती है।

24 घंटे नशें में धुत रहने वाला रमेश बन गया ‘इन्सां’

बुरी संगति ने मुझे कब नशेड़ी बना दिया, ये मुझ भी पता नहीं चला। शराब का इतना आदि हो गया कि 24 घंटे नशे में ही धुत रहने लगा। शराब की आड़ में मैंने लाखों रुपए ठेके पर बर्बाद कर दिए। पत्नी-बच्चे और मां-बाप भी परेशान रहने लगे। घर वालों ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि मैं नशें के चंगुल से कभी निकल पाऊंगा। लेकिन सतगुरु को शायद कुछ ओर ही मंजूर था। जब सरसा आश्रम में सत्संग के लिए गाड़ी आ रही थी तो मैं भी उसमें चढ़ गया। सत्संग सुना और पूज्य गुरु जी के वचनों से इतना प्रभावित हुआ कि ‘गुरुमंत्र’ ले लिया। आश्रम में सेवा भी की। इन दो दिनों में मैंने शराब को हाथ तक नहीं लगाया। वहीं मेरे घर वाले परेशान थे। उन्हें पता ही नहीं था कि मैं सत्संग में आया हूँ। जब घर गया और बताया कि मैं ‘नामदान’ लेकर आया हूँ तो किसी को विश्वास नहीं हुआ। बस वो दिन था और आज का दिन है, सतगुरु की रहमत ऐसी बरसी कि मेरी ‘किस्मत’ ही पलट गई।

 

रमेश कुमार (54 वर्षीय) पुत्र देशराज, कुंजपुरा, करनाल।

साल 2004 की बात है जब मुझे छाती में दर्द रहने लगा और कुछ समय बाद वो दर्द नासूर बन गया। मेरे पति ने मुझे टोहाना के रमेश गुप्ता अस्पताल में दिखाया। डॉक्टर ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। रिपोर्ट आने पर पता चला कि मुझे छाती का कैंसर है। डॉक्टर ने भर्ती होने और आॅप्रेशन की सलाह दी। हमने पैसों का इंतजाम किया और अस्पताल पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने ये कहकर मुझे बाद में आने को कहा कि अभी आॅप्रेशन ज्यादा है आपका आॅप्रेशन एक सप्ताह बाद होगा। इसी दौरान शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जिम्मेवार जोगिन्द्र पाल और भंगीदास चरणजीत मेरा हाल-चाल जानने आए और बोले, आप एक बार डेरा सच्चा सौदा (सरसा) जाओ और बीमारी का प्रसाद लो। मैंने ऐसा ही किया। लेकिन इस दौरान दरबार में पूज्य गुरु जी नहीं मिले। क्योंकि पूज्य गुरु जी सत्संग के लिए श्रीगुरुसर मोडिया (राजस्थान) रवाना हो चुके थे। हम भी बीमारी का प्रसाद लेकर श्रीगुरुसर मोडिया निकल पड़े। लेकिन पूज्य गुरु जी के दर्शन नहीं हो सके। इस दौरान हमने श्रीगुुरुसर मोडिया स्थित शाह सतनाम जी सार्वजनिक अस्पताल में फिर से सभी टेस्ट करवाए। हैरानी की बात है कि जब रिपोर्ट सामने आई तो डॉक्टर बोले, इसमें तो ऐसा कुछ नहीं है, सब रिपोर्ट नेगेटिव है।

गुड्डी बाई इन्सां (65वर्षीय) , पत्नी रमेश इन्सां, रतिया, फतेबाद।

मुझे लास्ट स्टेज का कैंसर है इस बारे में तब पता चला जब मैं अचानक एक दिन बेहोश होकर गिर गया। इस दौरान मूत्राशय की जगह से काफी खून के साथ टूकड़े भी निकले। थोड़ा होश आने पर मैंने कहा मुझे बस डेरा सच्चा सौदा ले चलो। परिवार वाले शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सरसा लेकर लाए। यहां डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। जिसके बाद पूज्य गुरु जी से मिले। पूज्य ‘गुरु’ जी ने वचन फरमाए ‘‘बेटा! लुधियाना कैंसर का हॉस्टिपल है वहां से डॉक्टरों की राय लेकर आओ।’’ हमने ऐसा ही किया। डॉक्टरों से परामर्श लेकर आ गए। जिसके बाद पूज्य गुरु जी ने प्रसाद दिया और ये वचन फरमाये कि बेटा! सारे परिवार ने सुमिरन करना है।’’ मेरा इलाज शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ही चलता रहा। हमने दिन रात सुमिरन किया। समय मिलने पर थोड़ी सेवा भी कर लेता था। एक दिन पूज्य गुरु जी हॉस्पिटल की कैंटिन पर आए वहां खरबूजा रखा था। पूज्य ‘गुरु ’ जी ने वचन फरमाए ‘बेटा! ये खरबूजा मीठा तो कम है लेकिन इसमें गुण बहुत है।’ और उस खरबूजे का एक पीस सेवादारों ने मुझे भी दिया। उसे खाने के बाद मुझे जो आधे-आधे घंटे बाद पेशाब के रास्ते खून के टुकड़े आते थे वो बंद हो गये और कंैसर कब खत्म हुआ पता ही नहीं चला।

-सोमनाथ इन्सां, गांव सिलीकलां, रादौर, यमुनानगर।

बेटा! अब आप ठीक हो…

मैंने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम दान लिया। पिछले साल 2021 में मेरी तबयित खराब होने पर जब जिम्मेवारों द्वारा मेरा करनाल में डॉक्टरों से चेकअप करवाया तो उन्होंने कैंसर की शिकायत बताई जिसके बाद ब्लॉक जिम्मेवारों द्वारा मुझे डेरा सच्चा सौदा दरबार में लाया गया और पूज्य गुरु जी की पावन दृष्टि वाला प्रसाद मैंने खाया। आप विश्वास नहीं करेंगे सिर्फ ‘प्रसाद’ खाने से मैं अब ठीक हो गया हूँ। सेवा, सुमिरन व भक्ति से मैं अब बिल्कुल स्वास्थ्य हो गया। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मुझे सपने में पावन दर्शन दिये और पूछा बेटा! अब ठीक हो। बस मैं इतना ही कहना चाहुंगा कि मैं अपने सतगुरु के उपकारों को कभी नहीं भूला सकता।

सुरजन इन्सां (65वर्षीय),पुत्र स्व.केहर सिंह, निसिंग, करनाल।

अक्सर विज्ञान और भगवान को लेकर दुनिया भर में चर्चा होती रहती है। कोई विज्ञान को ताकतवर मानता है तो कोई भगवान को। असल में विज्ञान और भगवान के रहस्य को समझना बहुत मुश्किल है। लेकिन डेरा सच्चा सौदा में बड़े-बड़े वैज्ञानिक, डॉक्टर और विशेषज्ञ भी आकर आश्चर्यचकित रह जाते हंै। क्योंकि यहां प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है। मैंने अपने मडिकल करियर के दौरान बहुत से कैंसर रोगियों को देखा है। जिनकी जिन्दगी को बचा पाना नामुकिन था, लेकिन कैंसर रोगियोें का विश्वास चिकित्सकों से ज्यादा अपने ‘सतगुरु’ पर दृढ़ था। पूज्य गुरु जी के द्वारा दिए गए ‘गुरुमंत्र’ के निरंतर सुमिरन व सेवा करने से मैंने स्वयं कैंसर खत्म होते देखा है। कैंसर की पॉजीटिव रिपोर्ट पलभर में नेगेटिव कैसे हो जाती है ये मेडिकल सार्इंस की समझ से परे है। लेकिन ये रूहानियत में संभव है।

डॉ. गौरव इन्सां, ज्वाइंट सीएमओ, शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल।

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