ब्लॉक हाँसी की साध-संगत ने रखे विचार
हाँसी (सच कहूँ/मुकेश)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा के साथ समूह साध-संगत दिन-रात तन, मन, धन से इन्सानियत की सेवा में जुटी हुई है। दुनिया का कोई झूठ साध-संगत के सतगुरु पर दृढ़ विश्वास को डुला नहीं सकता। साध-संगत आज भी पूरे जोर-शोर के साथ मानवता भलाई की सेवा में जुटी हुई है और आगे भी यूं ही जुटी रहेगी।
‘‘प्यारे सतगुर के सातवें शाही खत से हमें एक नई ऊर्जा मिली है। मैं आज जो कुछ भी हूं वह मेरे मुर्शिद की रहमत की वजह से हूँ। मेरा पूरा परिवार आज सभी बुराइयों को त्याग कर समाज में सुख का जीवन व्यतीत कर रहा है, यह सब मेरे पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं का असर है।’’
हरबंस कौर इन्सां, हाँसी।
‘‘सोहने सतगुरु के उपकारों को हम चुका नहीं सकते। कोरोना की महामारी से बचने की सारी विधि शाही खत में बताई गई है। आज समाज में जहां चारों तरफ बुराई का बोलबाला है। वहीं एक ऐसा घर होना कि जिसमें मांस-अंडा तो दूर की बात है कोई धूम्रपान करने वाला भी ना हो, तो यह किसी करिश्मे से कम नहीं लगता। मगर मेरे मुर्शिद की बदौलत यह करिश्मा 6 करोड़ साध-संगत के घरों में हो रहा है।’’
हरकेश इन्सां, सैनीपुरा।
‘‘पूज्य गुरुजी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए हम 137 मानवता भलाई के कार्य करते रहते हैं। पूज्य गुरुजी के ही दिशा-निर्देशन में बनी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की मैंबर होना मेरे लिए गौरव की बात है। यह दुनिया की पहली ऐसी फोर्स है, जो सिर्फ मानवता भलाई के कार्यों के लिए ही बनी है, मुझे अपने सतगुरु पर पूर्ण विश्वास है।
परमेश्वरी देवी इन्सां, हाँसी।
‘‘आज समाज में डेरा अनुयायी मानवता भलाई के कार्य करते रहने की वजह से एक अलग पहचान रखते हैं। डेरा अनुयायी होना किसी ओहदे से कम नहीं लगता। मैं अपने पूज्य गुरू जी का बारंबार धन्यवाद करता हूँ कि जिन्होंने मुझे इस काबिल समझा कि अपनी शरण में लिया। मैं अपने सतगुरु पर पूर्ण विश्वास करता हूँ, जो ताउम्र कायम रहेगा।
कमलेश इन्सां, हाँसी।
‘‘मुझे दरबार से जुड़े 20 साल से ज्यादा का समय हो गया है और पूज्य गुरु जी की रहमत से सरकारी नौकरी पर कार्यरत हूँ। मैं गर्व से कहता हूँ कि मैं डेरा सच्चा सौदा सरसा से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे व मेरे पूरे परिवार को पूज्य गुरुजी पर पूर्ण विश्वास है और हम डेरा सच्चा सौदा की शिक्षाओं पर चलते हुए मानवता भलाई के कार्य करते रहेंगे।
रामप्रकाश पाहवा इन्सां, हाँसी।
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